भोपाल.
जहां हर साल मध्य प्रदेश में मई के महीने मे तेज गर्मी पड़ती थी. वहीं इस साल बारिश और ओलो ने मौसम में परिवर्तन कर दिया है. 15 वर्ष में ऐसा पहली बार होता दिखाई दिया जब प्रदेश के हर जिले में नॉर्मल से ज्यादा बारिश देखने को मिली. सामान्यत: 6.6 मिमी हर वर्ष मई के महीने में बारिश दर्ज होती थी. लेकिन इस बार सवा इंच से भी अधिक बारिश दर्ज हुई है. वहीं राजधानी भोपाल सहित इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में तो बारिश ने रिकॉर्ड ही तोड़ दिया है.
मई में जाता था 46 से 48 डिग्री तक तापमान
हर साल प्रदेश के कई जिलों में जैसे खजुराहो, खरगोन, टीकमगढ़, ग्वालियर – चंबल इत्यादि में मई के महीने के अंत तक तापमान 46 से 48 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता था. किंतु इस वर्ष 8 से 10 दिन के लिए ही ऐसा तापमान देखने को मिल पाया. बारिश के साथ तेज आंधी की रफ्तार भी सामान्य से 3 गुना ज्यादा देखने को मिली.
कि इस वर्ष मात्र 13 से 24 मई के मध्य में ही गर्मी के तेवर देखने को मिले यदि खरगोन और खजुराहो को एक तरफ रखा जाए, तो किसी भी शहर में तापमान 46°तक नहीं पहुंच सका. राजधानी में 43.3 डिग्री तक तापमान पहुंचा. जिसका कारण सिस्टम एक्टिव होना था. आपको बता दें मई के महीने में करीब 2 से 3 वेस्टर्न डिस्टरबेंस आते हैं, पर इस वर्ष यह आठ तक जा पहुंचे. जो की बहुत स्ट्रॉन्ग थे. जिस वजह से प्रदेश के मौसम में बदलाव देखने को मिला.
जून के पहले सप्ताह में प्रदेश में हो सकती है बारिश
मौसम विज्ञान ने जानकारी दी है कि प्रदेश में अभी भी बारिश होने और आंधी चलने के हालात है. उत्तर भारत में एक जून से वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय होने वाला है. जिसका सीधा कर 3 जून से मध्य प्रदेश में नजर आने लगा लगेगा. इसी की वजह से मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में 5 जून को बारिश होने की संभावना है. वहीं राजधानी भोपाल समेत इंदौर जैसे कई शहरों में मौसम में परिवर्तन हो सकता है, साथ ही 5 जून को बूंदाबांदी भी हो सकती है.
आने वाला है मानसून
मानसून की बात की जाए तो 18 से 20 जून के मध्य में प्रदेश में एंट्री करने की संभावना. किसी वजह से केरल राज्य में मानसून देरी से आता है, तो प्रदेश में भी इसका आगमन देरी से होगा.