रायपुर। किसान आभार सम्मेलन और कृषि ऋण मुक्ति कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सांसद राहुल गांधी ने किसानों को कृषि ऋण मुक्ति प्रमाण पत्र तथा धान के बढ़े हुए समर्थन मूल्य का प्रमाण पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार ने किसानों से कृषि ऋण माफ करने और धान का समर्थन मूल्य दस दिनों के भीतर बढ़ाने का जो वादा किया था, उसे पूरा करने के लिए मात्र दो घंटे का समय लिया। शपथ ग्रहण के बाद केबिनेट की बैठक कर किसानों को लाभान्वित करने के लिए ये दो निर्णय तत्काल लिए गए। इसके तहत प्रदेश की 16 लाख 56 हजार किसानों का 6100 करोड़ रूपए अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया गया, धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर 2500 रूपए किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि इसी तरह 15 वर्षों की लंबित 207 करोड़ रूपए की सिंचाई कर की राशि माफ की गई है और तेन्दूपत्ता संग्रहण की दर 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए की गई है। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सांसद राहुल गांधी ने कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के केबिनेट ने अपने शपथ ग्रहण करने के उपरान्त किसानों के कर्जमाफी करने और धान का समर्थन मूल्य बढ़ाकर दो हजार 500 रूपए प्रति क्विंटल करने का निर्णय लेने में 24 घंटे का समय भी नहीं लगाया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ अभी तक देश के लिए धान का कटोरा था, अब इसे दुनिया के लिए धान का कटोरा बनाने की जरूरत है। इसी तरह राज्य को सब्जियों, फल और अनाज उत्पादन क्षेत्र में भी भरपूर बढ़ावा दिया जाएगा और यहां खाद्य प्रसंस्करण को व्यापक रूप से बढ़ाया जाएगा। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, सांसद पी.एल. पुनिया एवं मोतीलाल वोरा, अनेक मंत्रीगणों और विधायकों ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि 30 नवम्बर 2018 पर बकाया अल्पकालीन कृषि ऋण माफी के निर्णय का क्रियान्वयन दस दिनों के भीतर पूरा कर लिया गया है। इसके तहत प्रथम चरण में एक नवम्बर 2018 से 24 दिसम्बर 2018 तक लिकिंग के माध्यम से राज्य की 1276 सहकारी समितियों की तीन लाख 57 हजार किसानों से वसूल की गयी 1248 करोड़ अल्पकालीन कृषि ऋण राशि उनके बचत खातों में वापस कर दी गई है।