चीन
चीन ने अपने दक्षिण पश्चिम प्रांत युन्ना में 13वीं सदी में बनी ऐतिहासिक मस्जिद को गिरा दिया है। इस मस्जिद को गिराने की कार्रवाई का स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने तीखा विरोध भी किया था, लेकिन उन्हें सैकड़ों की संख्या में मौजूद पुलिसकर्मियों ने रोक दिया। युन्नान के नागु शहर में बनी इस मस्जिद की एक गुंबद और 4 मीनारों को जमींदोज किया गया है। चीनी प्रशासन का कहना था कि इनका निर्माण अवैध तौर पर किया गया है। 10 हजार वर्ग फुट में बनी इस मस्जिद की ऐतिहासिकता से समझा जा सकता है कि मुस्लिम समुदाय में इसे गिराने को लेकर गुस्सा क्यों है। हालांकि चीन सरकार यहीं पर रुकने वाली नहीं है।
युन्नान प्रांत के प्रशासन ने मस्जिद गिराने की कार्रवाई को रोकने की कोशिश करने वालों को दंगाई माना है। यही नहीं प्रशासन ने इन लोगों से कहा कि इन पर सख्त ऐक्शन लिया जाएगा। यदि ये लोग खुद ही 6 जून तक सरेंडर कर देते हैं तो फिर ऐक्शन नहीं लेंगे अन्यथा कार्रवाई की जाएगी। युन्नान प्रांत में बड़ी संख्या में 'हुई' मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। ये लोग उइगुर मुस्लिमों से थोड़ा अलग हैं। दरअसल चीन की कम्युनिस्ट सरकार का धार्मिक संगठनों को लेकर सख्त रुख रहा है और वह उन्हें खुलकर धर्म का प्रचार करने की अनुमति देने की हिमायती नहीं रही है।
मस्जिद गिराने की कार्रवाई का विरोध करने वाली सोशल मीडिया पोस्ट्स को भी चीन सरकार ने हटवा दिया है। स्थानीय प्रशासन की ओर से एक नोटिस जारी किया गया है, जिसमें कहा गया कि सरकारी कार्रवाई को रोकने वाले लोगों को दंगाई माना जाएगा। उनकी हरकतों को सरकार क्रिमिनल ऐक्ट मानती है और उसके तहत ही कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में कहा गया है कि जो लोग 6 जून तक सरेंडर कर देंगे, उन पर कुछ नरमी बरती जा सकती है। इस घटना के बाद पुलिस ने बड़ी संख्या में लोगों को अरेस्ट किया है। बड़ी संख्या में अब भी इलाके में चीन की पुलिस तैनात है।
एक दशक पहले चीन की सत्ता पर शी जिनपिंग काबिज हुए थे। पहले से ही कम्युनिस्ट सत्ता वाले चीन में जिनपिंग के दौर में मुस्लिमों समेत अल्पसंख्यकों पर सख्ती बढ़ी है। चीन सरकार का दावा रहा है कि वह अतिवाद और आतंकवाद से बचाव के लिए सख्ती बरतती है। यही नहीं मस्जिदों समेत तमाम धार्मिक इमारतों के निर्माण को लेकर भी चीन सरकार कहती है कि उन्हें स्थानीय शैली में ही बनाया जाए। बता दें कि चीन में करीब 10 लाख उइगुर मुस्लिम हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में हुई मुसलमान भी बसे हुए हैं।