अयोध्या
अयोध्या में भगवान श्रीराम की एक नहीं, तीन मूर्तियां बन रहीं हैं। कर्नाटक और राजस्थान के शिल्पकार पत्थर तराश रहे हैं। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने बताया कि बैठक में विभिन्न परियोजनाओं के विभिन्न पहलुओं पर विमर्श होता है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर की फसाड लाइटिंग का ट्रायल चल रहा है, जिसमें कि यह देखा जा रहा है कि मंदिर की गरिमा के अनुकूल शालीन लाइटिंग हो। वह कहीं चमक- दमक में म्यूजियम न बन जाए।
उन्होंने बताया कि बैठक के बाद रामलला के विग्रह निर्माण करने वाले तीनों मूर्तिकारों से शिष्टाचार भेंट की गई और उनका उत्साह वर्धन किया गया। उन्होंने बताया कि मैसूर की कृष्ण शिला से प्रो.जीएल भट्ट, मार्बल शिला से सत्यनारायण पाण्डेय व स्वयं के पसंद से लाई गयी श्याम शिला से कर्नाटक के अरुण योगीराज मूर्ति निर्माण कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि भूतल के निर्माण के बाद ही रामलला की प्रतिष्ठा होगी लेकिन प्रथम व द्वितीय तल का निर्माण जारी रहेगा। इस कारण से नया प्रयोग किया जा रहा है जिससे ऐसे उपयुक्त मार्ग का चयन किया जा सके जिसमें दर्शनार्थी सुरक्षित रहें और निर्माण कार्य में कोई बाधा भी न आए। उन्होंने कहा कि यह भी देखा जा रहा कि ऊपर के दोनो तलों पर अलग-अलग प्रकार के पत्थर कैसे और किस तरह ले जाए जा सकते हैं।
बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक आज
मणिराम छावनी में बुधवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बोर्ड आफ ट्रस्टीज की बैठक में थर्ड पार्टी आडिट समेत विभिन्न विषयों पर विमर्श होगा। इस बैठक के लिए ट्रस्टियों का आगमन शुरू हो गया है। इसके पहले भवन निर्माण समिति की बैठक के दूसरे दिन चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने एलएण्डटी व टीईसी के अभियंताओं के अलावा जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ जन्मभूमि पथ एवं अन्य परियोजनाओं का निरीक्षण किया। इसके उपरांत बैठक कर भिन्न-भिन्न परियोजनाओं की टाइम लाइन निर्धारित की।