जालंधर
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा हरी झंडी मिलने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के आम चुनावों की तैयारी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। गुरुद्वारा चुनाव के चीफ कमिश्नर द्वारा पंजाब सरकार को पत्र भेजकर वोटर सूचियां अपडेट करने को कहा गया है। चीफ कमिश्नर गुरुद्वारा चुनाव जस्टिस (सेवामुक्त) एस.एस. सारों ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव व अन्य संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजते हुए लिखा है कि एस.जी.पी.सी. के नए बोर्ड का गठन करने के लिए चुनाव करवाए जाने हैं जिसके लिए वोटर सूचियां तैयार व अपडेट किए जाने की जरूरत है।
जस्टिस सारों ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को अपने जिलों में वोटर सूचियों को जल्द अपडेट करने के लिए कहा है। कमेटी के अध्यक्ष पद के आम संभावित चुनाव करीब 7 वर्ष की देरी से होंगे। इससे पूर्व यह चुनाव वर्ष 2011 में हुए थे और फिर वर्ष 2016 में होने थे। पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार ने गत वर्ष नवम्बर माह में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एस.जी.पी.सी.) के आम चुनाव करवाने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश की थी। इसके लिए सरकार ने अकाली दल अमृतसर की एस.जी.पी.सी. चुनाव करवाने की मांग को आधार बनाया था।
एस.जी.पी.सी. के अध्यक्ष पद का चुनाव भी गत वर्ष नवम्बर माह में हुआ। यह चुनाव अर्से बाद मतदान से हुआ था। इस चुनाव में अकाली दल को मुकाबले का सामना करना पड़ा था क्योंकि अकाली दल को चुनौती मिल चुकी थी। चूंकि एस.जी.पी.सी. के सदस्यों में अकाली दल के सदस्य अधिक हैं इसलिए उसका अध्यक्ष बनना तय था। वर्तमान में कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी हैं। एस.जी.पी.सी. के चुनाव 5 वर्ष बाद होते हैं। वर्ष 2011 में यह आम चुनाव हुए थे और 2016 में फिर चुनाव होने थे जो अभी तक नहीं हुए। आजादी से पूर्व तक तो चुनाव समय पर ही होते रहे हैं परन्तु आजादी के बाद एस.जी.पी.सी. के आम चुनाव कभी भी समय पर नहीं हुए। पूर्व में पंजाब में जब अकाली दल-भाजपा गठजोड़ की सरकार थी, तब भी अकाली दल ने एस.जी.पी.सी. के आम चुनावों के लिए गंभीर प्रयास नहीं किया।