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ऐसा होना किडनी की खराबी का संकेत हो सकता है

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जाने-अनजाने हम कुछ ऐसी आदतों के शिकार होते हैं, जिनका बुरा असर हमारे गुर्दों यानी किडनी पर पड़ता है। लंबे समय की लापरवाही से गुर्देखराब भी हो सकते हैं। हालांकि उपचार हैं, लेकिन आदतों में सुधार करना ही सबसे सही व आसान तरीका है। ब्लड प्रेशर काबू न रखना ,उच्च रक्तचाप से रक्त कोशिकाओं पर दबाव पड़ता है, जो किडनी पर असर डालता है। अगर बीपी की समस्या रहती है तो सही समय पर दवाएं लेना और खान-पान का ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। डिब्बाबंद चीजें ज्यादा खाना डिब्बाबंद चीजों में नमक व चीनी का ज्यादा इस्तेमाल होता है। सोडियम की ज्यादा मात्रा दिल ही नहीं किडनी की समस्या भी बढ़ाती है।बहुत कम या ज्यादा पानी पीना दोनों ही आदतें किडनी पर दबाव डालती हैं। बहुत कम पानी पीने से विषैले तत्व शरीर में जमा होने लगते हैं, जो कई रोगों का कारण बन सकते हैं। अचानक बहुत ज्यादा पानी पीना भी किडनी पर दबाव बढ़ाता है। शरीर की जरूरत के अनुसार एक दिन में डेढ़ से दो लिटर पानी जरूर पीना चाहिए। अधिक दवाओं का सेवन किडनी पर बुरा असर डालता है।अधिक दवाओं का सेवन किडनी पर बुरा असर डालता है। खासतौर पर लंबे समय तक दर्द निवारक दवाएं लेना या डॉक्टर की बिना सलाह से खुद से दवा लेते रहने की आदत कई रोगों को बुलावा दे सकती है। खुद से एंटीबायोटिक या दर्द निवारक दवाएं लेने से बचें। अगर पेशाब संक्रमण जल्दी-जल्दी होता है तो डॉक्टर से जरूर मिलें। ऐसा होना किडनी की खराबी का संकेत भी हो सकता है।
ज्यादा मांसाहार-अधिक मांसाहार उसमें भी ज्यादा रेड मीट खाना किडनी की सेहत को बिगाड़ सकता है। कारण इससे शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है जिससे पथरी हो सकती है और गुर्दा प्रभावित होता है। नियमित से ज्यादा एल्कोहल लेना न केवल किडनी बल्कि लिवर को भी खराब करता है। इसी तरह धूम्रपान करना किडनी तक खून के संचार को धीमा कर देता है।देर तक पेशाब रोकने से किडनी से बाहर निकलने वाले विषाक्त तत्व मूत्र मार्ग से वापस जाने लगते हैं या एक जगह एकत्र होने लगते हैं। इससे किडनी पर दोहरा दबाव पड़ता है। इसके अलावा साल में एक बार ष्सीरम क्रिएटिनिनश् टेस्ट जरूर करवाएं।