भोपाल
प्रदेश में शराब दुकानों से करोड़ों के राजस्व चोरी कराने के मामलों में आबकारी विभाग लगाम नहीं कस पा रहा है। भोपाल में लालघाटी ग्रुप की दो शराब दुकानें 1.84 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी लगाकर लेने के मामले में किसी अफसर को जिम्मेदार नहीं माना गया और न ही कोई कार्यवाही की गई है।
मामले में फर्जी बैंक गारंटी लगाने वाले ठेकेदारों के विरुद्ध जरूर एफआईआर दर्ज हुई है। इन दुकानों के लिए नए सिरे से टेंडर कराया जाएगा। राजधानी के लालघाटी में कम्पोजिट मदिरा समूह की दो दुकानें 22 करोड़ 34 लाख 38 हजार 213 रुपए में नीलाम हुई थीं। इसे सर्वाधिक आॅफर देते हुए राठौर एण्ड मेहता एसोसिएट्स ने लिया था। इस ग्रुप को तय एडवांस राशि 31 मार्च तक जमा करना था।
जिसके बाद लाइसेंसी के द्वारा दस अप्रेल को निर्धारित राशि की बैंक गारंटी क्रमांक 0789/जीईएफ/00010 बैंक की 1.84 करोड़ रुपए का डीडी जमा किया गया था। यह डीडी सात अप्रेल को बनाया गया था। राठौर एंड मेहता एसोसिएट्स के कर्ताधतार्ओं ने यूनियन बैंक की लोकल शाखा से डीडी न बनवाते हुए थाना दारा कालिमपोंग सिलीगुढ़ी वेस्ट बंगाल से बैंक गारंटी बनवाई थी। बैंक गारंटी 7 अप्रेल को बनाई गई थी। इस कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बनाया गया था।
सवालों के घेरे में राकेश कुर्मी और अजय शर्मा
इस पूरे मामले में भोपाल में पदस्थ रहे सहायक आयुक्त आबकारी राकेश कुर्मी और उपायुक्त अजय शर्मा की भूमिका सवालों के घेरे में है। इस अधिकारी ने ठेकेदारों द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों की जांच को गंभीरता से नहीं लिया। हालांकि विभाग ने एक सप्ताह पहले कुर्मी को हटा दिया है पर इस मामले में उन पर और सहायक जिला आबकारी अधिकारी समेत अन्य दोषी अफसरों पर कोई जिम्मेदारी तय नहीं हुई है। वर्तमान में यहां दीपम रायचूरा प्रभारी अधिकारी हैं।
इस मामले में जब आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि फर्जी बैंक गारंटी प्रस्तुत किए जाने के मामले में आबकारी के अफसरों की लापरवाही सामने आई है। इस मामले में जिम्मेदार अफसरों पर कार्यवाही की जा रही है।
जांच में ऐसे हुई देरी
19 अप्रेल को अरेरा हिल्स स्थित ब्रांच से डीडी के सत्यापन के लिए सहायक जिला आबकारी अधिकारी को निर्देश दिए गए थे। सहायक आबकारी अधिकारी के प्रतिवेदन में बताया गया कि शाखा से कई बार संपर्क करने के बाद भी बैंक गारंटी का सत्यापन नहीं हुआ, बैंक गारंटी जारी नहीं की गई है। बैंक गारंटी के सत्यापन को लेकर बैंक कार्यालय ईमेल किया गया। 26 मई को बैंक ने बताया कि उनके यहां से बैंक गारंटी जारी नहीं की गई है।