रायपुर
छत्तीसगढ़ में आगामी दिनों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होना है, जिसके चलते सियासत चरम पर है। जहां एक ओर विपक्षी दल भाजपा सरकार पर आरोप लगाते नहीं थक रही है तो वहीं सत्ता पक्ष में बैठी कांग्रेस भी आरोपों पर करारा प्रहार कर रही है। इन सब के बीच चुनावी साल में एक बार फिर सियासी गलियारों में शराबबंदी का मुद्दा गूंजने लगा है। शराबबंदी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने पूर्व सीएम रमन सिंह से 10 सवाल पूछे हैं।
उन्होंने कहा कि कहा पिछली सरकार ने नीति बनाकर शराबबंदी की शुरुआत कर दी थी और आने वाले समय में भाजपा की सरकार बनने के बाद उसी नीति का उपयोग किया जाएगा। गौरतलब है कि रविवार को भी उन्होंने कहा था कि सरकार बनी तो शराबबंदी करेंगे और इसे चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल करेंगे।
रमन सिंह से कांग्रेस के सवाल
1. शराब का सरकारीकरण क्यों किया था? आखिर वह कौन से कारण थे जिसके चलते शराब बिक्री का व्यवसाय निजी हाथों से छीनकर सरकारी हाथों में लेना पड़ा?
2. रमन राज के 15 साल में प्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या में 40 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी क्यों हुई थी? शराब की दुकानें ज्यादा खोलने के पीछे का आपका मकसद क्या था?
3. 2017 में यह बयान था कि भले चुनाव हार जाऊं लेकिन शराब बंदी लागू करूंगा, फिर क्यों शराब बंदी नहीं लागू किया था?
4. रमन सिंह के सरकार में होटल, बार में शराब परोसने के लिये बच्चियों, बेटियों को ट्रेनिंग क्यों दी जा रही थी?
5. छत्तीसगढ़ की शराब नीति में बदलाव क्यों किया था? इससे किसको फायदा पहुंचा था?
6. क्या यह सच नहीं है कि रमन सिंह ही के शासनकाल में शराब से मिलने वाला राजस्व 400 करोड़ रूपए से बढ़ते-बढ़ते 5000 करोड़ के आसपास पहुंच गया था? शराब बिक्री की इस अप्रत्याशित वृद्धि की वजह क्या थी?
7. प्रदेश की जनता यह भी जानना चाहती है कि रमन सरकार में शराब बिक्री के सरकारीकरण होते ही बियर का एक विशेष ब्रांड ही हर दुकान में क्यों बिकता था और उस ब्रांड का भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ क्या संबंध है?
8. 4400 करोड़ के शराब घोटाला के बारे में कोई जवाब क्यों नहीं देते?
9. एक ही अधिकारी को संविदा बढ़ाकर 9 साल तक शराब के कारोबार का जिम्मा क्यों देकर रखा था?
10. रमन मंत्रिमंडल की बैठक में आपके सहयोगी मंत्री प्रेमप्रकाश पांडे ने कहा था शराब की कमीशन के हर साल मिलने वाला 1500 करोड़ किसके पास जायेगा? रमन सिंह जी बताईये यह 1500 करोड़ की रकम प्रतिवर्ष किसकी जेब में गयी?