Home छत्तीसगढ़ जनता चाहे तो सरकार कर सकती है शराबबंदी – अविमुक्तेश्वरानंद

जनता चाहे तो सरकार कर सकती है शराबबंदी – अविमुक्तेश्वरानंद

3

रायपुर

पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद 3 दिन के रायपुर दौरे पर हैं। एक बार फिर उन्होंने दोहराया कि हमें हिंदू राष्ट्र नहीं चाहिए, बल्कि हम रामराज्य की कामना करते हैं। इसके अलावा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा कि अगर वे राजधर्म का निर्वाह करते हैं, तो ये ऐतिहासिक होगा।

अविमुक्तेश्वरानंद बोरियाकला स्थित आश्रम में प्राण-प्रतिष्ठा और विशेष पूजन में शामिल हुए। यहां उन्होंने मीडिया से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने देश में कुछ लोगों के शंकराचार्य होने के दावों को लेकर कहा कि वैदिक धर्म और वेदों की सुरक्षा के लिए 4 पीठों का निर्माण किया गया। हर पीठ पर शंकराचार्य बने। इसके अतिरिक्त कोई और भी स्वयंभू शंकराचार्य बनकर आए, तो उन्हें सही नहीं माना जा सकता।

हिन्दू समाज को तोड़ने की साजिश

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि राजनीति के चलते आदिवासियों को हिंदू नहीं हो, ऐसा कह दिया जाता है। हम शहरों में आकर बस गए, तो इसका मतलब यह नहीं कि हम कभी वनवासी नहीं थे। हमारी जड़ें भी जंगल से जुड़ी हुई हैं। हमें आज भी पेड़ों, फूल-पत्ते, लकड़ियों की आवश्यकता होती है। आज हिंदू समाज को बांटने का प्रयास हो रहा है, लेकिन हम सभी को एकजुट रहना होगा। आदिवासियों को किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए।

भगवान राम के नाम पर हो रही राजनीति पर शंकराचार्य ने कहा कि जो राजा भूखी जनता के दुख को दूर करने का प्रयास करता है, वही असली है, केवल भगवान राम का मंदिर बनाकर उसे साधन के रूप में उपयोग करने से नहीं होगा। हमें यह देखना होगा कि कौन सा राजनीतिक दल भगवान राम को साधन के रूप में इस्तेमाल करता है।

जनता चाहे तो सरकार कर सकती है शराबबंदी

महिला पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन पर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि यदि शिकायत की गई है, तो जांच कराने में समस्या क्या है। जिस सांसद के खिलाफ हमारी बहनें प्रदर्शन कर रही हैं, यदि वह निर्दोष है, तो जांच के बाद साबित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो लोकतंत्र के मंदिर का उद्घाटन हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ महिलाओं को घसीटा जा रहा है। यह कैसा लोकतंत्र है! यह दोनों दृश्य हमें स्वीकार नहीं। शराबबंदी को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि यदि जनता चाहेगी, तो सरकार की मदद कर शराबबंदी हो सकती है। आज जितने भी अपराध हो रहे हैं, उसमें बहुत बड़ा हाथ शराब का है। यदि अपराध को रोकना है, तो शराबबंदी करनी होगी।