नईदिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के दो कर्मचारियों को उसके और राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा जारी पेड़ों की सुरक्षा संबंधी आदेशों की अवहेलना करने के आरोप में जेल भेज दिया है। अदालत नई दिल्ली नेचर सोसाइटी द्वारा दो अधिकारियों-इंजीनियर-इन-चीफ और कार्यकारी अभियंता के खिलाफ एक अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्हें पिछले साल इसी मामले में अवमानना का दोषी ठहराया गया था।
न्यायमूर्ति नजमी वजीरी ने कहा कि अधिकारियों ने अदालत के आदेशों की अवहेलना की है और कानून को बनाए रखने में इस तरह की अनिच्छा का परिणाम सजा होनी चाहिए।
अदालत ने आदेश दिया, परिस्थितियों में प्रतिवादी संख्या 2 और 3 को अदालत की अवमानना अधिनियम, 1971 की धारा 12 के तहत क्रमश: चार महीने और दो महीने की साधारण कारावास की सजा सुनाई जाती है, साथ ही प्रत्येक को 2,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जाता है।
अदालत ने कहा, क्या इस आदेश में बदलाव नहीं किया जाना चाहिए या उस पर रोक नहीं लगाई जानी चाहिए, तो दस सप्ताह की समाप्ति पर, अवमाननाकर्ता खुद को इस अदालत के रजिस्ट्रार जनरल के सामने पेश करेंगे, ताकि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जा सके।
अदालत को सूचित किया गया कि बीएसईएस राजधानी द्वारा बिपिन चंद्र मार्ग और चित्तरंजन पार्क के आसपास केबल और पाइपलाइन लाइनों की स्थापना से कई पेड़ों की जड़ों को नुकसान पहुंचा है और ऐसा करके अधिकारियों ने उच्च न्यायालय व ग्रीन पैनल द्वारा पारित आदेशों का उल्लंघन किया है।