नईदिल्ली
दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश पर कांग्रेस पार्टी ने आम आदमी पार्टी (आप) का साथ देने पर आज अपना रुख लगभग साफ कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ हुई बैठक में उनसे अध्यादेश पर AAP का साथ नहीं की बात कही है। खड़गे के साथ दिल्ली और पंजाब के कांग्रेस नेताओं की बैठक में दिल्ली के नेताओं ने एकसुर में उनसे कहा कि दिल्ली में 'आप' से कोई गठबंधन नहीं होना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेताओं ने उनसे यह भी कहा कि दिल्ली के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर पार्टी को अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े नहीं दिखना चाहिए। हालांकि, नेताओं ने अंतिम निर्णय लेने के लिए इसे आलाकमान पर छोड़ दिया है।
क्या है अध्यादेश पर झगड़े का कारण
बता दें कि, केन्द्र सरकार ने 19 मई को 'दानिक्स' कैडर के 'ग्रुप-ए' अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए 'राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण' गठित करने के उद्देश्य से एक अध्यादेश जारी किया था, जिसे आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार सेवाओं के नियंत्रण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरुद्ध बता रही है।
गौरतलब है कि अध्यादेश जारी किए जाने से महज एक सप्ताह पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में पुलिस, कानून-व्यवस्था और भूमि को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया था।
केजरीवाल को अब तक खड़गे और राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र द्वारा जारी अध्यादेश का विरोध करने के लिए सभी गैर भाजपाई दलों से समर्थन मांग रहे हैं। उन्होंने समर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के नेता राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा है, लेकिन कांग्रेस नेताओं की ओर से अब तक उन्हें वक्त नहीं दिया है। हालांकि, केजरीवाल ने इस मुद्दे पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), समाजवादी पार्टी (सपा) और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) समेत कई दलों का साथ मिल गया है।