पटना
मिशन-2024 के लिए विपक्ष पटना से अपनी एकता को प्रदर्शित करेगा. लम्बे समय से इस बात का इंतजार चल रहा था कि विपक्षी दलों की बैठक कब और कहां होगी. इसको लेकर अब स्थिति स्पष्ट होती दिख रही है. कहा जा रहा है कि विपक्षी दलों की इस महा बैठक के लिए स्थान और तारीख तय हो चुकी है. नीतीश कुमार ने देश के कई राजनीतिक दलों को बैठक में आमंत्रित भी कर दिया है. यह बैठक पटना में होगी और जून के दूसरे सप्ताह में हो सकती है.
ममता के प्रस्ताव पर सभी की सहमति
पटना में सभी विपक्षी दलों की साझा बैठक बुलाने का प्रस्ताव पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का था. सूत्रों की माने तो ममता के इस प्रस्ताव को सभी विपक्षी दलों ने स्वीकार कर लिया है. अगले माह कांग्रेस नेता राहुल गांधी अमेरिका प्रवास पर रहेंगे, ऐसे में तारीख को लेकर कांग्रेस का प्रस्ताव था कि उनके लौटने के बाद यह बैठक हो. ऐसे में विपक्षी दलों की यह महा बैठक पटना में 12 जून को होने का अनुमान है. इसको लेकर भीतर खाने तैयारी भी शुरू हो चुकी है. वैसे आधिकारिक तौर पर नीतीश कुमार और जदयू की ओर से अबतक बैठक की तारीख को लेकर यही कहा जा रहा है कि जल्द ही होगी और जब तारीख तय हो जायेगी तो सबको बता दिया जायेगा.
महाबैठक में तय होंगी आगे की रणनीति
अब कहा जा रहा है कि 12 जून को पटना में बैठक की तारीख तय कर ली गई है. बैठक में यह दिखाने की कोशिश होगी कि विपक्ष एकजुट है. भाजपा के खिलाफ पूरे देश में विपक्ष इसी तरह अपनी एकजुटता दिखाएगा. साथ ही बैठक में इस फार्मूला भी चर्चा होगी कि विपक्षी दल कैसे सीटों का बंटवारा करे. हालांकि यह तय नहीं है कि इस एकता को यूपीए को नये रूप में पुनरावृत करना है या फिर यह कोई नया गठबंधन होगा. लेकिन अगर 12 जून को विपक्ष की बैठक पटना में होती है, तो यह नीतीश की उस पहल की पहली सफलता होगी, जिसमें वे केंद्र मोदी सरकार को घेरने के लिए सभी दलों को एक साथ लाना चाहते हैं.
कितने दल शामिल होंगे अब तक तय नहीं
मीडिया सूत्रों की माने तो फ़िलहाल यह तय नहीं है कि इस महाबैठक में किन-किन राजनीतिक दलों ने आने की सहमति दे दी है, लेकिन माना जा रहा है कि करीब दो दर्जन दल इस महाबैठक में शामिल हो सकते हैं. नीतीश कुमार ने पिछले दिनों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, वाम दलों के डी राजा और सीताराम येचुरी, महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और शरद पवार सहित तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन से मुलाकात की थी.