राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने शिविर लगाकर सुनीं समस्याएं
मंडला
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष तथा राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य मंडला ज़िले के दो दिवसीय प्रवास पर थे। आयोग ने 28 मई को प्रातः 10 बजे से शाम 4 बजे तक योजना भवन में शिविर लगाकर बच्चों एवं एवं उनके परिजनों की समस्याओं से जुड़े आवेदन प्राप्त किए। मीडिया से चर्चा करते हुए राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न विभागों एवं योजनाओं के माध्यम से बाल संरक्षण, उनके पुनर्वास एवं उनकी बेहतरी के लिए वृहत स्तर नीतिगत एवं कानूनी आधार पर काम किया जा रहा है।
उन्हांेने बताया कि जुवेनाईल एक्ट में भी बाल संरक्षण एवं अधिकारों के संबंध में अनेक नए प्रावधान भी जोड़े गए हैं। अध्यक्ष कानूनगो ने कहा कि बच्चों की समस्याओं का निराकरण सिर्फ़ बच्चों के माध्यम से ही नहीं वरन इसके निराकरण के लिए पूरे समाज के सहयोग की अत्यंत आवश्यकता है। इस दौरान क़ानूनगो ने जिला प्रशासन के सहयोग से मंडला ज़िले के बच्चों की समस्याओं के चिन्हांकन, मैपिंग तथा उनके शिविर लगाने संबंधी समस्त गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य ओमकार सिंह, अनुराग पांडे तथा मेघा पवार उपस्थित थी।
शिविर में व्यक्तिगत शिकायतों के 458 आवेदन, 238 निराकृत
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा 28 मई को प्रातः 10 बजे से 4 बजे तक योजना भवन में लगाए गए समस्या निवारण शिविर में व्यक्तिगत समस्याओं के 458 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 238 आवेदनों का तत्काल निराकरण किया गया। आयोग ने प्राप्त होने वाले कोविडकेयर बालस्वराज के 103, 5 आकांक्षी विकासखंड के 2305 ड्राप आउट बच्चों, पास्को के 42 मुआवज़ा प्रकरण तथा विद्युत, जलविहीन एवं भवन विहीन आंगनवाड़ी के विषयों से संबंधित आवेदनो पर संज्ञाओं लिया। शिविर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल 15 दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाए गए।
शिविर के प्रारंभ में बैगा नृतक दल ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो एवं सदस्यों की अगवानी की। कलेक्टर डॉ. सलोनी सिडाना एवं पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा ने माननीय अध्यक्ष एवं सदस्यों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। आयोग के अध्यक्ष कानूनगो ने पंजीयक डेस्क का निरीक्षण किया तथा शिविर में पहुंचे बच्चों एवं उनके परिजनों से आत्मीय मुलाकात भी की।