भोपाल
राज्य सरकार की लाड़ली लक्ष्मी योजना लापरवाही की शिकार हो रही है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत बेटियों के नाम से डाकघरों में जमा 85 करोड़ 48 लाख रुपए अटक गए है। जिला स्तर पर कर्मचारियों की लापरवाही के कारण पोर्टल पर डाटा अपडेट नहीं हो पा रहा है और विभाग को भी वास्तविक हिसाब-किताब नहीं मिल पा रहा है।
प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत लाड़ली लक्ष्मियों के नाम से वर्ष 2007 से 2014 के बीच पंजीकृत बालिकाओं के पक्ष में डाकघरों के माध्यम से राष्टÑीय बचत पत्र जारी करवाए गए थे। वर्ष्ज्ञ 2014-15 से योजना रिविजिट उपरांत जारी एनएससी को परिपक्वता के बाद डाकघरों में प्रस्तुत करते हुए राशि को जिला स्तर से निधि में जमा करवाया जा रहा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के पोर्टल पर जिला कार्यालयों द्वारा दी गई जानकारी अनुसार एक लाख 39 लाख 786 एनएससी एवं उनकी राशि 85 करोड़ 48 लाख डाकघर स्तर पर भुगतान हेतु शेष बताई जा रही है।
समीक्षा करने पर सामने आया कि डाकघर में जो एनएससी भुगतान हेतु प्रस्तुत की गई थी उनका भुगतान डाकघर द्वज्ञरा किय जाने पर जिला स्तर से पोर्टल पर रिपोर्ट प्रपत्र में जानकारी अद्यतन नहीं की जा रही है, जिससे लंबित एनएससी की संख्या एवं राशि यथावत बनी हुई है। इस कारण डाकघर में वर्तमान में लंबित एनएससी की संख्या एवं वास्तविक राशि ज्ञात नहीं हो पा रही है।
सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश
महिला बाल विकास आयुक्त रामाराव भोसले ने महिला बाल विकास विभाग के सभी जिला कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिए है कि प्राथमिकता के आधार पर डाकघर में लंबित एनएससी की संख्या और राशि को पोर्टल पर अद्यतन किया जाना सुनिश्चित करे ताकि संचालनालय स्तर से मुख्य पोस्ट मास्टर जनरल को भुगतान की कार्यवाही करने हेतु पत्र प्रेषित किया जा सके।