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कोटा से पढ़कर गोरखपुर लौटा था होनहार अभिषेक, शादीशुदा महिला से इश्‍क में कातिल बना; टूट गया इंजीनियर बनने का सपना

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गोरखपुर
अभिषेक पढ़ाई में काफी होनहार था। इंजीनियर बनने का सपना लिए वह कोटा राजस्थान गया था। वहां कोचिंग पर खर्च ज्यादा होने पर आगे की तैयारी करने तथा जेई मेंस की परीक्षा देने के लिए गोरखपुर आ गया। गोरखपुर में रहकर ही तैयारी करने के लिए वह गोरखनाथ के दिग्विजयनगर में डेढ़ महीने पहले यानी अप्रैल में किराये पर कमरा लिया था। इस दौरान वह सादिया के जाल में फंस गया। न सिर्फ उसका करियर बर्बाद हो गया बल्कि मां-बाप का सपना भी चकनाचूर हो गया।

महराजगंज जिले के कोल्हुई थाना क्षेत्र के रुद्रपुर विश्वनाथ गांव निवासी अभिषेक के पिता दिलीप कुमार चौधरी एक प्राइवेट शिक्षक हैं। अभिषेक तीन भाई बहनों में सबसे बड़ा है। छोटा भाई आदित्य और बहन छोटी गांव पर रहकर ही पढ़ाई करते हैं। दिलीप ने एक छोटी सी कपड़े की दुकान भी खोल रखी है। स्कूल से लौटने के बाद वह दुकान पर बैठते हैं। दुकान में पिता का सहयोग उनका छोटा बेटा आदित्य करता है। पढ़ाई-लिखाई में होनहार अभिषेक को इंजीनियर बनाने का सपना संजोए उसके पिता ने दो साल पहले कोटा राजस्थान में तैयारी के लिए भेजा था। जेई मेंस निकालने के बाद आगे की तैयारी उसने गोरखपुर से ही करने की योजना बनाई थी। जेई एडवांस की परीक्षा पास करने के लिए वह गोरखनाथ में अफरोज के मकान पर अप्रैल 2023 में ही किराया पर कमरा लिया था। उसके सपनों को पंख मिल पाते इससे पहले सादिया उसकी जिंदगी में आ गई। उसने इस तरह से प्रेम जाल में फंसाया कि उसका सारा करियर ही चौपट हो गया।

मुस्करा रहा था अभिषेक ब्रेफिक्र थी सादिया
हत्या के जुर्म में पकड़े जाने के बाद से बड़े-बड़ों अपराधियों के पसीने छूट जाते हैं लेकिन यहां दूसरा ही हाल था। अभिषेक और सादिया मानो कैट वॉक के लिए आए हों। पुलिस ने जब उन्हें मीडिया के सामने पेश किया तो फोटो खींचवाने के लिए दोनों पोज देते नजर आए। अभिषेक मुस्कुरा रहा था, ताकि सही फोटो आए, सादिया भी तन कर ऐसे खड़ी थी मानो कुछ हुआ ही नहीं है या फिर जो भी हुआ है उससे उसे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

शातिर है सादिया, ऐसे बनाया अभिषेक को मोहरा
सादिया कितनी शातिर है उसकी चाल को समझ कर पुलिस भी दंग रह गई। पता चला कि अभिषेक तो सिर्फ सादिया का एक मोहरा था। अभिषेक के जरिये उसे अपने पति का कत्ल कराना था और बाद में खुद को बचाते हुए अभिषेक को ही जेल भेजवाना था। इसके बाद वह किसी और के साथ अपनी जिंदगी जीने की तैयारी कर रही थी। इसके लिए उसने पहले अभिषेक की चाहत पूरी कर उसे अपने जाल में फंसाया और फिर उसे अपने इशारे पर नचाने लगी थी। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि सादिया ने सारे कदम प्लान के तहत उठाए। उसने घटना से पहले खुद दरवाजा खोलने की जगह किरायदारों से कह रखा था कि अभिषेक जब आए तो दरवाजा खोल देना। उसका अभी 11 दिन का किराया बाकी है। घटनावाली रात इसी वजह से सुमित नाम के लड़के ने दरवाजा खोला था। यानी कैमरे में यहां भी सादिया नहीं आई। उसने रात में करीब दो बजे पति के कत्ल के लिए कमरा खोल दिया था। खुद दूर खड़ी रही। हालांकि खून के छींटे दुपट्टे पर आ गए थे। उसने पहले उसे साफ किया।

उधर, अभिषेक और उसके साथ आए युवकों को पीछे से निकाल दिया। इससे वह दोबारा कैमरे में नहीं आई। इसके बाद उसने अफरोज के भाई को सूचना दी और पुलिस आई तब दबी जुबान से अभिषेक का नाम बताया था। यानी उसे पता था कि पुलिस को अभिषेक का नाम तो पता चल ही जाएगा। वह खुद ही क्यों न पहले बता दे। इससे उसके ऊपर से शक कम होगा। यह सब करने के बाद वह पुलिस से पूछताछ में खुद को पाक-साफ साबित करती रही। यही नहीं, वह अभिषेक से अपने रिश्ते को भी स्वीकार नहीं कर रही थी। बताया जा रहा है कि अफरोज के कत्ल से पहले सादिया ने उसको नींद की गोली भी दी थी।

किरायदारों के बयान से खुला राज
क्राइम सीरियल देखकर घटना की प्लानिंग करने वाली सादिया घटनावाली रात एक गलती कर बैठी थी। हत्या के बाद सादिया के फोन से ही अभिषेक ने अपने पिता को फोन किया था। उसकी पिता से एक सप्ताह से बात नहीं हुई थी और पिता परेशान थे। वह तलाश करते हुए कमरे पर भी आए थे। सादिया के बताने पर उसने रात में ही फोन किया था। अब जब सादिया का अभिषेक से कोई संबंध नहीं था तो उसने उसका फोन क्यों इस्तेमाल किया, यह बड़ा सवाल था। यही नहीं, उसके दुपट्टे पर आए खून के छींटे भी यह बताने के लिए काफी थे कि वह घटना के वक्त मौजूद थी। अभिषेक को लेकर सादिया की नजदीकी से सारे किरायेदार वाकिफ थे। इसलिए वह पूरी तरह से बेनकाब हो गई।