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970 करोड़ की लागत, 64,500 वर्ग मीटर में निर्माण, जानें- नए संसद भवन का मोर और कमल से क्या कनेक्शन?

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 नई दिल्ली

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज भव्य कार्यक्रम में नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी सहित करीब 20 विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है। विपक्षी दलों का तर्क है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाना चाहिए। नए संसद भवन की आधारशिला प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड काल में 10 दिसंबर, 2020 को रखी थी। इसके निर्माण पर 970 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह भवन सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इसमें 1200 से अधिक सांसदों के बैठने की व्यवस्था है। संसद में लोक सभा को राष्ट्रीय पक्षी मयूर और राज्य सभा को राष्ट्रीय फूल कमल की थीम पर डिजाइन किया गया है। इसमें एक साथ 1272 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है।

चार मंजिला है नया संसद भवन:
त्रिभुजाकार में बना नया संसद भवन चार मंजिला है। इसके तहत 64,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्माण किया गया है। इस इमारत के तीन मुख्य द्वार- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार- हैं। नए संसद भवन की डिजाइनिंग गुजरात की एक आर्किटेक्चर फर्म 'एचसीपी डिजाइंस' ने तैयार की है, जबकि, निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड ने किया है। माना जा रहा है कि आगामी मानसून सत्र नए संसद भवन में आहूत किया जा सकता है।
 
नए भवन में कहां क्या?
नए संसद भवन के प्रवेश द्वार पर बड़े-बड़े अक्षरों में 'सत्यमेव जयते' लिखा गया है। उसके ठीक ऊपर अशोक चक्र है। भवन के शीर्ष पर अशोक स्तंभ को स्थापित किया गया है। यह भवन मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट सेन्ट्रल विस्टा का हिस्सा है। यह रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ है। यह सुरक्षा के लिहाज से भी काफी मजबूत और अपडेटेड है।  यहां हरियाली का विशेष ध्यान रखा गया है।

लोकसभा और राज्यसभा की क्षमता:
लोकसभा में 888 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है। यह मोर की थीम पर आधारित है। राज्यसभा में 384 सांसदों के बैठने की व्यवस्था है और इसे कमल के थीम पर विकसित किया गया है। नए संसद भवन को अत्याधुनिक संचार उपकरणों के साथ लैस कर पेपरलेस बनाया गया है। नए भवन में अल्ट्रा मॉडर्न ऑफिस स्पेस की व्यवस्था है।

राष्ट्रीय अखंडता और विविधता का प्रदर्शन:
नए संसद भवन के अंदर भवनों की डियानिंग और सजावट में राष्ट्रीय अखंडता और भारत की विविधताभरी संस्कृति को परिलक्षित किया गया है। इसके तहत क्षेत्रीय कलाकृतियों को भी समाहित किया गया है। नया संसद भवन इको फ्रेंडली है और समावेशी विकास का परिचायक है। इसका स्ट्रक्चर इस तरह से तैयार किया गया है कि कोई निशक्त जन भी वहां आसानी से पहुंच सकता है और संसदीय कार्यकलापों को सहजता से निबटा सकता है। नया भवन भूकंप रोधी तकनीक से निर्मित है।