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फसल विविधीकरण को बढ़ावा दें तथा बाजार की मांग के अनुरूप फसल लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें – कृषि उत्पादन आयुक्त

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खेती की वास्तविकताओं तथा चुनौतियों को ध्यान में रखकर कृषि विकास कार्य योजना बनायें – प्रमुख सचिव

कृषि उत्पादन आयुक्त ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि आदान की समीक्षा की

रीवा

कमिश्नर कार्यालय तथा कलेक्ट्रेट के एनआईसी केंद्र में आयोजित वीडियो कान्फ्रेंसिंग में कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती वीरा राणा ने रीवा तथा शहडोल संभाग के कृषि आदान की समीक्षा की। उन्होंने आगामी फसल के लिए खाद, बीज एवं कीटनाश कों की उपलब्धता के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित करें। रीवा तथा शहडोल संभाग में किसान मुख्य रूप से धान और गेहूं की फसल पर केंद्रित हैं। किसानों को बाजार की मांग के अनुसार अनाजों की खेती के लिए प्रोत्साहित करें। सिंगरौली, अनूपपुर तथा रीवा जिले में कृषि विविधीकरण के लिए अच्छे प्रयास हुए हैं। अनूपपुर और सिंगरौली में कोदौ तथा कुटकी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। रीवा संभाग में फल तथा सब्जियों का अच्छा उत्पादन हो रहा है। यहां सब्जियों तथा फलों की खेती क्लस्टर में की जा रही है। दोनों संभागों में मसालों, औषधीय पौधों की खेती, आम तथा अन्य फल-सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा दें। कृषि के क्षेत्र में विकास होने से रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। कई शिक्षित युवा भी सफलतापूर्वक खेती, पशुपालन एवं मछलीपालन कर रहे हैं।

    

कृषि उत्पादन आयुक्त ने सहकारी बैंकों की समीक्षा करते हुए कहा कि रीवा संभाग के सभी जिलों में सहकारी बैंकों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। कलेक्टर बैंकों के कार्यों की नियमित समीक्षा करें। लंबित ऋणों की वसूली के लिए आरआरसी जारी कराएं। रीवा तथा सतना में गत वर्षों की तुलना में वसूली बढ़ी है सभी 2 लाख रूपये तक के डिफाल्टर किसानों को मुख्यमंत्री व्याज माफी योजना में पंजीयन कराकर उन्हें योजना का लाभ दें। इससे किसानों तथा बैंक दोनों को फायदा होगा। दोनों संभागों में पर्याप्त मात्रा में खाद तथा बीज उपलब्ध हैं। खाद की नियमित रैक लग रही हैं। सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को खाद के अग्रिम उठाव के लिए प्रेरित करें। गत वर्ष 30 जून तक समितियों तथा अन्य क्षेत्रों में खाद की जितनी बिक्री हुई थी उससे अधिक खाद अब तक जिलों में भंडारित की जा चुकी है।  किसी भी स्थिति में खाद की आपूर्ति में कमी नहीं आएगी।
    

कृषि उत्पादन आयुक्तने कहा कि अमृत सरोवर में मछली पालन अनिवार्य रूप से कराएं। इसके लिए अभी से पूरी कार्य योजना बना लें। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत तालाबों के निर्माण तथा मछली पालन के अन्य संसाधनों का विकास से कराएं। मछली पालन कम लागत में अच्छा लाभ देने वाला व्यवसाय है। मछली पालक तथा पशुपालक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड प्राथमिकता से जारी कराएं। मछली पालक किसानों को रीवा संभाग में लक्ष्य का शत-प्रतिशत किसान क्रेडिट कार्ड जारी करके सराहनीय कार्य किया गया है। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि पशुपालन विभाग की विभागीय योजनाओं में सभी जिलों में अच्छा कार्य हुआ है। रीवा संभाग में पशुओं की संख्या बहुत अधिक है। दुधारू पशुओं की नस्ल सुधार का विशेष अभियान चलाएं। रीवा जिले में 20 हजार लीटर प्रतिदिन दूध ठंडा करने वाला संयंत्र स्थापित किया जा चुका है। संभाग में नये मिल्क रूट तथा दूध सहकारी समितियां बनाकर दूध के संग्रहण को बढ़ावा दें। रीवा में बसामन मामा गौ-अभ्यारण्य में निराश्रित तथा आवारा गौवंशों को बड़ी संख्या में रखने एवं वहां गोबर-संयंत्र जैविक खेती आदि से जोड़कर बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है। कमिश्नर रीवा तथा शहडोल अपने संभाग के सभी कलेक्टरों एवं अन्य अधिकारियों को इसका भ्रमण करायें। रीवा जिले में अभी लम्पी रोग का खतरा बना हुआ है इसके लिए पूरी सावधानी बरते।
    

बैठक में प्रमुख सचिव कृषि अशोक वर्णवाल ने कहा कि सभी कलेक्टर जिले की कृषि विकास की कार्ययोजना बनाने में ध्यान दें यह केवल अकड़ों की बाजीगरी नहीं है जिले की कृषि विकास की कार्ययोजना में भूमि, सिचाई की उपलब्धता तथा खेती से जुड़े वास्तविक तथ्यों को शामिल करें। खेती के विकास तथा कृषि विविधीकरण के लिए सही तथ्यों को शामिल करते हुए कार्ययोजना बनाये। इसमें खेती की आधुनिक तकनीक, परंपरागत खेती के अच्छे गुणों, किसानों की कठिनाईयों को दूर करने के उपायों तथा खेती को लाभ का धंधा बनाने के उपायों को शामिल करें। उप संचालक कृषि केवल खाद, बीज बांटने के लिए फसल प्रदर्शन न लगाये। फसल प्रदर्शन के माध्यम से किसानों को आधुनिक तकनीक से परिचित करायें। एक जिला एक उत्पात योजना में चिन्हित गतिविधियों के विस्तार तथा इसे बाजार से जोड़ने के प्रयास करें।
    

बैठक में रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने कहा कि संभाग के सभी जिलों में फसल विविधीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। रीवा जिले में फल एवं सब्जी उत्पादन तथा पशुपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। सहकारी बैंक के कार्यों की नियमित समीक्षा की जाएगी। बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने रीवा जिले में खाद्य प्रसंस्करण, मछलीपालन, पशुपालन  तथा डेयरी के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिले के कई उच्च शिक्षित युवा आधुनिक तरीके से कृषि, पशुपालन तथा मधुमक्खीपालन जैसे व्यवसाय कर रहे हैं। फूलों और स्ट्राबेरी की खेती भी की जा रही है। बैठक में मण्डी बोर्ड, दुग्ध संघ, कृषि अभियांत्रिकी के कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में संयुक्त आयुक्त नीलेश पारीख, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सौरभ सोनवणे,  संयुक्त संचालक कृषि केएस नेताम, संयुक्त संचालक पशुपालन डॉ राजेश मिश्रा, उप सांचालक कृषि यूपी बागरी, सहायक संचालक प्रीति द्विवेदी, कृषि वैज्ञानिक तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।