लखनऊ
आम जनता की समस्याओं और उनके समाधान से सीधे जुड़े कार्यालयों की कार्यप्रणाली अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रडार पर है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को तहसील, ब्लॉक और थानों के कार्यों की समीक्षा करते हुए खराब प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। उन्होंने दो टूक कहा कि जिन अधिकारियों या कर्मचारियों में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है उन्हें तत्काल हटाते हुए युवा और तेज-तर्रार अफसरों को जिम्मेदारी दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि तहसील, ब्लॉक और थानों की कार्यप्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन दिखाई नहीं दिया तो ऊपर से नीचे तक के सभी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। उन्होंने मुख्यालयों पर संबद्ध कर्मचारियों को भी तत्काल फील्ड ड्यूटी में भेजने का निर्देश दिया। जनता दर्शन के दौरान अपने पास आने वाले फरियादियों की बढ़ती संख्या और उनकी समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई है। उन्होंने प्रदेश, मंडल और जिलों के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि तहसील, ब्लॉक और थानों पर नियमित जनसुनवाई कराई जाए। इसके लिए एक स्पष्ट कार्ययोजना तैयार की जाए और मेरिट के आधार पर समस्याओं का निस्तारण कराया जाए।
…तो संबंधित कर्मचारी पर हो कठोर कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि तहसील, ब्लॉक और थाना स्तर पर जनता की समस्याओं की सुनवाई के लिए एक-एक हफ्ते की रूपरेखा तैयार करते हुए अभियान चलाएं। उन्होंने इस बात पर चिंता भी व्यक्त की है कि कई बार सुनवाई न होने से कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर विकट स्थिति पैदा हो जाती है। तहसील, ब्लॉक और थाना स्तर के कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो और लापरवाही बरतने वालों को किसी भी हाल में बख्शा न जाए।
डीएम और कप्तान तय करें एजेंडा, करें निगरानी
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि तहसील, ब्लॉक और थाना स्तर पर प्रतिदिन कम से कम एक घंटे की सुनवाई अवश्य की जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को निर्देशित किया कि वे जन समस्याओं के निस्तारण को लेकर हर हफ्ते समीक्षा करें। इसके लिए जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान पहले से एजेंडा तय करें।