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एजेंडे के तहत खराब की जा रही ग्लोबल रैंकिंग, गिर रही साख; भारत उठा रहा जरूरी कदम

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नई दिल्ली

ग्लोबल रैंकिंग में भारत की गिरती साख को लेकर सरकार एक अहम कदम उठाने जा रही है। इसके तहत सरकार वैश्विक स्तर पर ऐसी संस्थाओं के खिलाफ आवाज उठा रही है। मोदी सरकार में एक अहम सलाहकार का कहना है पिछले कुछ दिनों में कई ऐसी ग्लोबल रैंकिंग जारी हुई हैं, जिनमें भारत को निचले पायदान पर दिखाया गया है। उनका कहना है कि कुछ ग्लोबल एजेंसी एजेंडे से प्रभावित होकर ऐसी रैंकिंग तैयार कर रही हैं। गौरतलब है कि रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा जारी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत अफगानिस्तान और पाकिस्तान से नीचे है। वहीं वी-डेम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार एकेडमिक फ्रीडम इंडेक्स में उसकी जगह पाकिस्तान और भूटान से नीचे बताई गई थी।

ग्लोबल फोरम पर
पीएम मोदी के इकॉनमिक एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य संजीव सान्याल ने रॉयटर्स के साथ इंटरव्यू में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि भारत इस मामले को ग्लोबल फोरम पर लेकर जा रहा है। सान्याल का कहना है कि यह रैंकिंग्स थिंक टैंक के एक छोटे समूह द्वारा तैयार की जा रही हैं। इन्हें खास एजेंडा चलाने वाली तीन-चार एजेंसियों से फंडिंग हो रही है। उन्होंने कहा कि इससे सिर्फ नैरेटिव सेट नहीं किया जा रहा है, बल्कि इसका व्यापार, निवेश और अन्य गतिविधियों पर इसका असर पड़ रहा है। सान्याल ने कहा कि पिछले एक साल में भारत ने विभिन्न बैठकों में विश्व बैंक, विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) जैसे संस्थानों के सामने यह मुद्दा उठाया है। साथ ही इन इंडेक्स को तैयार करने में संस्थानों द्वारा जो तरीके इस्तेमाल हो रहे हैं, उनकी खामियों के बारे में भी बताया गया है।

चर्चा में शामिल विश्व बैंक
सान्याल ने कहा कि विश्व बैंक इस चर्चा में शामिल है क्योंकि वह इन थिंक टैंकों से राय लेता है और साथ ही इसे वर्ल्ड गवर्नमेंट इंडेक्स में शामिल भी करता है। सान्याल ने कहा कि इन रेटिंग्स में पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ईएसजी) जैसे पहलू भी शामिल रहते हैं। उन्होंने कहा कि ईएसजी नॉर्म्स के साथ चलने में कोई समस्या नहीं है। लेकिन देखने वाली बात यह है कि इन नॉर्म्स को कौन डिफाइन करता है और कौन इन्हें सर्टिफाई करता है। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि इस मामले को कैबिनेट सचिवालय तक ले जाया गया है, जिसकी इस साल इस मुद्दे पर दर्जन भर से अधिक मीटिंग्स होने वाली हैं। हालांकि सान्याल ने यह नहीं बताया कि भारत ने जी-20 बैठक के दौरान रैंकिंग्स का यह मु्द्दा उठाया था या नहीं