राज्यपाल से मिले विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातीय छात्र-छात्राएँ
भोपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने युवाओं का आह्वान किया है कि ज्ञान की नई रोशनी के साथ समाज के विकास के संवाहक बनें। देश-समाज के विकास के भाव के साथ कार्य में ही जीवन की सार्थकता है।
राज्यपाल पटेल राजभवन में संवेदना संस्थान के तत्वावधान में राजभवन भ्रमण के लिए आए विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजातीय छात्र-छात्राओं को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल के प्रमुख सचिव डी. पी. आहूजा उपस्थित थे।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि महात्मा बुद्ध ने ज्ञान को सबसे शक्तिशाली हथियार बताया था। जीवन की सभी तरह की चुनौतियों का सामना शिक्षा से ही हो सकता है। वर्तमान पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि शिक्षा किसी धर्म, वर्ग के लिए सीमित नहीं रही है। मेहनत, लगन, मजबूत इच्छा शक्ति से जीवन में बड़ी से बड़ी सफलता प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने गुजरात की नेत्र बाधित बालिका का उल्लेख किया जिसने टाइपराइटर से परीक्षा देकर 85 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा का अवसर उपलब्ध कराया है ताकि गाँव का एक भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहे। उन्होंने बच्चों को देश के लिए मर मिटने वाले शहीदों, महा पुरुषों और शिक्षाप्रद किताबों को पढ़ने के लिए प्रेरित किया। बच्चों को राजभवन भ्रमण के संस्मरण भी लिखने के लिए भी कहा है।
प्रारंभ में राज्यपाल को सुखुशबू और उमेश कलावत ने तुलसी का पौधा भेंट किया। संस्था की सचिव सुदिव्या परमार ने संस्था की जानकारी देते हुए बताया कि भ्रमण कार्यक्रम में 4 जिलों के 14 ग्रामों के छात्र-छात्राएँ शामिल हैं। इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष के छात्र संजीव कलावत और सुकुमकुम कलावत ने संवेदना संस्था द्वारा किए गए सहयोग का उल्लेख किया। बताया कि राज्यपाल से मिलने के अवसर ने उनके आगे बढ़ाने के इरादों को मजबूत किया है। सुअनीता जयपुरिया ने स्वागत उद्बोधन दिया। अजय ने आभार माना।