Home छत्तीसगढ़ छिन्द गौठान में समूह की महिलाएं कर रही बहुआयामी कार्य

छिन्द गौठान में समूह की महिलाएं कर रही बहुआयामी कार्य

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सारंगढ़-बिलाईगढ़
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा गावों में भी रोजगार के बहुआयामी केंद्र स्थापित करने के उद्देश्य से गावों में रीपा की शुरूआत की गई है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना- रीपा के अंतर्गत सभी जिलों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क का निर्माण किया गया है। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के चयनित गौठानों को आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है। गौठानों में वर्मीकम्पोस्ट, मुर्गी पालन, बकरी पालन, कृषि उत्पादों और वनोपजों के प्रसंस्करण एवं ग्रामोद्योग संबंधी कार्य किये जा रहे हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से बड़ी संख्या में स्व-सहायता समूह की महिलाओं और ग्रामीण युवाओं को रोजगार और आय के अवसर प्रदान किये जा रहे हैं। इसी क्रम में सारंगढ़ के छिन्द स्थित रीपा गौठान में दिशा स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा विविध कार्य किए जा रहे हैं। प्रस्तावित कार्यों में मशरूम यूनिट, सिलाई प्रशिक्षण यूनिट, वेल्डिंग मशीन यूनिट, बेकरी यूनिट, मिठाई बाक्स यूनिट, फ्लाईएश ईंट निर्माण यूनिट, दोना पत्तल यूनिट, मुर्रा मिल मशीन, चैन लिंकिंग एवं तार फेंसिंग का कार्य एवं गार्डनिंग का कार्य लिया जा रहा है। इसके अलावा गौठान में वर्किंग शेड की व्यवस्था है, साथ ही शिशु पालन कक्ष एवं प्रशिक्षण केन्द्र भी संचालित किया जा रहा है।

दोना पत्तल यूनिट में कार्यरत स्व सहायता समूह की महिला सुखबाई रात्रे ने बताया कि रोजाना 60-70 पैकेट पत्तल वे अकेले तैयार कर लेती हैं, जिसे बाजार में ले जाकर थोक एवं खुदरा मूल्य में विक्रय किया जाता है। उन्होंने बताया कि वे रीपा योजना अंतर्गत गौठान में यह कार्य करते हुए बेहद खुश हैं, आय के एक स्त्रोत के साथ उन्हें गौठान में संचालित अलग-अलग कार्यों के बारे में जानने सीखने का अवसर भी मिलता है। गौठान में कार्यरत कृषि मित्र दिव्या ने बताया कि उन्हें यहाँ जिन कार्यों? का प्रशिक्षण मिला है, उनके लिए यह निकट भविष्य में भी स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ?े की दिशा में मददगार साबित होगा। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के? प्रति धन्यवाद ज्ञापित की है। इससे स्पष्ट है कि ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक बदलाव लाने की दिशा में रीपा योजना मील का पत्थर साबित हो रही है। निश्चित रूप से ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए शासन की यह योजना कारगर सिद्ध हो रही है।