नई दिल्ली
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात का समय मांगा है। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश के खिलाफ इन दिनों विपक्षी दलों से समर्थन जुटा रहे केजरीवाल ने तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बाद कांग्रेस से बात करने की इच्छा जाहिर की है। केजरीवाल को समर्थन के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी में कई नेता खुलकर बोल रहे हैं और ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी आलाकमान का फैसला क्या होता है।
केजरीवाल ने शुक्रवार सुबह ट्वीट करके बताया कि उन्होंने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात के लिए समय की मांग की है। आप संयोजक ने लिखा, 'केंद्र सरकार की ओर लाए गए असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक अध्यादेश के खिलाफ संसद में समर्थन, संघीय ढांचा पर प्रहार और मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी जी से आज सुबह समय मांगा है।'शराब घोटाले और बंगले पर करोड़ों खर्च जैसे आरोपों से घिरे अरविंद केजरीवाल को इन दिनों केंद्र सरकार से अधिकारों की जंग का सामना भी करना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट से मिला अधिकार अध्यादेश से छिन जाने के बाद केजरीवाल इसका रास्ता राज्यसभा में रोकना चाहते हैं।
क्यों कांग्रेस के लिए है धर्म संकट की घड़ी
कांग्रेस सरकार के दौरान भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन करके राजनीति में आए अरविंद केजरीवाल ने देश की सबसे पुरानी पार्टी के लिए धर्म संकट की स्थिति पैदा कर दी है। केंद्रीय जांच एजेंसियों के ऐक्शन और अधिकारों की लड़ाई में आप कांग्रेस से समर्थन की उम्मीद कर रही है। आप को समर्थन के मुद्दे पर कांग्रेस में मतभेद है। दिल्ली, पंजाब, गुजरात से लेकर गोवा तक के नेता एक ऐसी पार्टी को समर्थन देने का विरोध कर रहे हैं, जिसने उन्हें काफी नुकसान पहुंचाया है। दिल्ली और पंजाब में आप ने कांग्रेस से सत्ता छीन ली तो गुजरात और गोवा में भी उसके वोटशेयर से हिस्सा बांट लिया है। विरोध करने वालों में वरिष्ठ नेता अजय माकन प्रमुख हैं, जो यह भी कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के लिए प्रस्ताव पास किया, ऐसे नेता को समर्थन कैसे दिया जा सकता है?