रायपुर
पूरे प्रदेश की तरह ही रायपुर जिले में भी गौठान अब ग्रामीणों की आय बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के सक्रिय केन्द्र के रूप में स्थापित हो गये है। गौठानों में पशुओं को आराम तो मिल ही रहा है, गांव के महिला समूहों की सदस्यों को रोजगार का साधन भी मिल गया है। गौठानों के संचालन में गौठान समितियों के साथ-साथ महिला समूहों की सक्रिय भागीदारी है।
गौठानों में भरपूर पानी की उपलब्धता के लिए नलकूप और कुएं तो खोदे ही गए है। गर्मी के मौसम में भी पानी के कमी को पूरा करने के लिए निचले या गहरे भू-जल स्तर वाले इलाकों के गौठानों में बाहर से टैंकरों द्वारा भी पानी पहुंचाया जा रहा है, जिससे गौठानों में आने वाले पशुओं को पीने का भरपूर पानी मिल रहा है साथ ही रोजगार मूलक गतिविधियों के लिए महिलाओं को भी पर्याप्त पानी उपलब्ध हो रहा है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे ने गर्मी के मौसम को देखते हुए पहले ही सभी जनपद पंचायतों को निर्देश जारी कर गौठानों में पानी की वैकल्पिक व्यवस्था समय रहते पूरी करने के निर्देंश भी दिए थे। कई गौठानों में क्रेडा द्वारा सोलर पंपों से भी नलकूप से पानी निकालने की व्यवस्था की गई है।
जिले के अभनपुर विकासखण्ड के जामगांव गौठान में मवेशियों के लिए पानी की भरपूर व्यवस्था है। गौठान में बोरवेल के द्वारा पानी की आपूर्ति लगातार हो रही है। दस कोटनों में सुबह-शाम पानी भरने के लिए एक व्यक्ति भी समिति द्वारा नियोजित किया गया है। गिरौला गौठान में पानी की समस्या होने पर टैंकर के माध्यम से आपूर्ति की जा रही है। डोंगीतराई गौठान में कुआं बनाकर पानी की व्यवस्था की गई है, वहीं पिपरौद, सुन्दकेरा, उमरपोटी के गौठानों में भी पानी की पर्याप्त व्यवस्था है। गौठानों में मुर्गी पालन, बकरी पालन, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण के कामों में महिला समूहों के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी है। आरंग विकासखण्ड के गिधवा गौठान में गर्मी में बोरवेल का जल स्तर भी काफी नीचे चले जाने के कारण बाहर से पानी की आपूर्ति की जा रही है।