भोपाल
बीजेपी के सांसद व प्रवक्ता महेंद्र सिंह सोलंकी और भाजपा छोड़ इसी माह कांग्रेस का दामन थामने वाले पूर्व मंत्री दीपक जोशी ट्विटर पर भिड़ गए हैं। राघौगढ़ के योद्धा और हाट पिपल्या के राजा की शहादत और वीरता को लेकर दोनों ही नेताओं के ट्विटर वार में पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. अनिल माधव दवे की पुस्तक की भी एंट्री हुई है। दोनों ही नेताओं ने ट्वीट पर ट्वीट कर अपमान की बातें कहीं है।
भाजपा सांसद व प्रवक्ता महेंद्र सिंह सोलंकी ने दीपक जोशी को ट्वीट कर कहा कि राजपूत वीर राघौगढ़ के योद्धा स्व. ठाकुर दौलत सिंह व हाट पिपल्या के राजा शकत सिंह शक्तावत साहब की शहादत व वीरता को प्रणाम करता हूं। राजपूत योद्धा और वीरों की तस्वीरों पर मैं अपने रक्त की अंतिम बूंद भी तिलक कर दूं तो भी राजपूत योद्धाओं व वीरों का ऋण नहीं उतार सकता हूं। सोलंकी ने जोशी के लिए लिखा कि आपको बीजेपी ने मंत्री बनाया था। आप ही बताइए कि भ्रामक, निराधार व असत्य बातें कहना सही है
क्या? जब आप सब कुछ जानते हैं तो आपने मंत्री रहते राजपूत वीर राघौगढ़ के योद्धा स्व. ठाकुर दौलत सिंह व हाट पिपल्या के राजा शकत सिंह शक्तावत की स्मारिका बनवाने या प्रतिमा लगवाने का प्रयास क्यों नहीं किया? रही बात अपमान की तो वह आप देवास के स्व. महाराजाओं व वीरों का कर रहे हैं।
इस पर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने सोलंकी पर पलटवार करते हुए कहा कि मैंने भाजपा के वरिष्ठ नेता स्व अनिल माधव दवे की पुस्तक में लिखे ऐतिहासिक तथ्यों पर यह विचार रखे, तो क्या आपके अनुसार स्व दवे जी गलत हंै? ऐतिहासिक प्रामाणिक तथ्य के ऊपर बोलने में कैसा अपमान आदरणीय? किस बुनियाद पे आप इन तथ्यों को निराधार, भ्रामक और अनर्गल बोल रहे हैं कृपया साबित करें! आप भाजपा के आधिकारिक प्रवक्ता भी हैैं तो मेरे वाचन के तथ्य पर बात करें और एक गंभीर प्रवक्ता होने का उदाहरण पेश करें।