भोपाल
कर्नाटक में मिली कांग्रेस को जीत के बाद अब मध्य प्रदेश में एआईसीसी का फोकस हो गया है। इसके चलते चार राज्यों के पूर्व प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्षों को मध्य प्रदेश चुनाव के लिए बने आॅब्जर्वर को अब विधानसभावार जिम्मेदारी सौंप दी गई है। पहले चरण में ये चारों आॅब्जर्वर लगातार हारने वाली लगभग 70 सीटों पर जाएंगे। जहां हर इन सभी को पार्टी के सभी नेताओं के साथ चर्चा करना होगी और रणनीति के साथ ही गुटबाजी एवं पूर्व में हो रही हार का कारण जानना होगा।
इसकी शुरूआत गुरुवार से विदिशा जिले की दो सीटों से हो रही है। विदिशा जिले की शमशाबाद और कुरवाई विधानसभा सीट पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा गुरुवार को पहुंच रहे हैं। वे दोपहर में शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र के सभी पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद ही यहां के सभी वरिष्ठ नेताओं से भी उनकी वन-टू-वन चर्चा होगी। इसके बाद शाम को वे कुरवाई जाएंगे। जहां पर भी वे कांग्रेस नेताओं से चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि एआईसीसी ने हिमालच प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप राठौर, गुजरात प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोरवाडिया, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और उत्तराखंड के प्रदीप टम्टा को मध्य प्रदेश चुनाव का पर्यवेक्षक बनाया गया है। इन चारों को तीन से चार बार लगातार हारने वाली सीटों की जिम्मेदारी दी गई है।
बताया जाता है कि इन चारों नेताओं को कमलनाथ ने लगभग 70 सीटों पर जाने का टारगेट दिया है। पूरे समय इन सीटों को ही आॅब्जर्व करेंगे। यहां पर कांग्रेस की जीत के लिए सभी में समन्वय करने के साथ ही जीत के लिए क्या-क्या पार्टी स्तर पर कदम उठाये जा सकते हैं। इस पर फोकस करेंगे। चारों नेता सीधे कमलनाथ और प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी जेपी अग्रवाल के संपर्क में रहेंगे।
इन सभी को जिम्मेदारी देने से पहले कमलनाथ ने 14 मई को इन सभी के साथ बैठक की थी। इस बैठक के बाद पिछले सप्ताह इन सभी को कौन-कौन सी विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई है। उसकी लिस्ट भेज दी गई।
कांग्रेस पर लीगल अटैक के लिए डेढ़ हजार वकीलों की टीम तैयार करेगी भाजपा
विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पर लीगल अटैक के लिए बीजेपी हर विधानसभा में पांच और प्रदेश भर में डेढ़ हजार वकीलों की टीम तैयार करेगी। यह टीम कांग्रेस नेताओं द्वारा सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर बीजेपी संगठन और सरकार के विरुद्ध किए जाने वाले दुष्प्रचार पर काउंटर अटैक करेगी। जैसे जैसे चुनाव का समय नजदीक आता जा रहा है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के नेता एक दूसरे पर मीडिया और सोशल मीडिया के जरिये हमले कर रहे हैं। जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा अपनाई जा रही रणनीति से बचाव के लिए अब बीजेपी की टीम सोशल मीडिया के साथ विधिवेत्ताओं के रूप में भी एक्टिव रहेगी।
इसी के चलते बीजेपी संगठन ने विधि प्रकोष्ठ से कहा है कि कांग्रेस झूठ और भ्रम फैलाकर, लोगों को बरगलाकर सरकार बनाना चाहती है। इसलिए विधि प्रकोष्ठ के कार्यकर्ता अपने विश्लेषण और तर्कों के माध्यम से कांग्रेस के इस झूठ को जनता के सामने उजागर करें। विधि प्रकोष्ठ प्रदेश के चारों महानगरों में शिविर आयोजित कर अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करे।
हर विधानसभा के लिए बनाएं टोलियां
बीजेपी संगठन ने विधि प्रकोष्ठ से कहा है कि प्रकोष्ठ सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए टोलियों का गठन करे। इसमें कम से कम पांच विधि विशेषज्ञों को शामिल किया जाए। इनकी जिम्मेदारी होगी कि विधानसभा स्तर पर कांग्रेस और अन्य दलों द्वारा पार्टी और बीजेपी सरकार के विरुद्ध किए जाने वाले दुष्प्रचार के मामले में लीगल एक्शन लें। इस तरह 1150 ऐसे वकील विधानसभा स्तर पर काम करेंगे। इसके अलावा बड़े शहरों और महानगरों में इनकी संख्या ज्यादा रहेगी। प्रदेश और जिला स्तर पर भी अलग से टीम बनाई जाएगी।
कॉलेज, यूनिवर्सिटी में चुनाव आयोग चलाएगा मतदाता जोड़ने अभियान
प्रदेशभर के सभी सरकारी और गैर सरकारी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अब चुनाव आयोग के फरमान पर युवाओं के नाम मतदाता सूची में जोड़ने अभियान चलेगाल् यह अभियान 31 मई तक पूरा किया जाना है। उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव वीरन सिंह भलावी ने सभी शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों के कुल सचिव, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक और शासकीय तथा अनुदान प्राप्त अशासकीय और अन्य अशासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यो को विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाने के लिए निर्देश जारी किए है। उन्होंने कहा है कि मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए वोटर हेल्पलाईन एप अथवा वोटर्स डॉट ईसीआई डॉट जीओवी डाट इन वेबसाईट के माध्यम से आॅनलाईन फार्म छह भरने के लिए कहा है।