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तीन देशों की यात्रा पर मोदी ने कहा, हर पल का इस्तेमाल देश की भलाई के लिए किया

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नई दिल्ली
तीन देशों की यात्रा के बाद स्वदेश लौटने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि अपनी छह दिवसीय यात्रा के दौरान उन्होंने हर पल का इस्तेमाल भारत की भलाई के लिए किया। इससे पहले, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने यहां प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया।

यहां पालम हवाई अड्डे के बाहर अपने स्वागत के लिए एकत्र हुए लोगों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सिडनी में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम के दौरान न केवल ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और देश की सत्तारूढ़ पार्टी के पदाधिकारी बल्कि एक पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी सदस्य भी मौजूद थे।

उन्होंने ‘लोकतांत्रिक आत्मा और ताकत’ के इस प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, ''यह लोकतंत्र का माहौल था कि हर कोई भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में शामिल हुआ।'' उन्होंने कहा कि सभी ने भारतीय प्रतिनिधि को सम्मान दिया और यह मोदी के गौरव के बारे में नहीं, बल्कि भारत की ताकत के बारे में था।

उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस और विभिन्न राज्यों में सत्ता में बैठे क्षेत्रीय दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार की घोषणा की है। विपक्षी दलों की मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी को नहीं बल्कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए। हालांकि, प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में इसका कोई सीधा उल्लेख नहीं किया।

मोदी ने कहा कि वह विदेशों में भारत और यहां के लोगों की ताकत के बारे में आत्मविश्वास से बोलते हैं और दुनिया सुनती है क्योंकि यहां के लोगों ने पूर्ण बहुमत की सरकार चुनी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्व के नेता जानते हैं कि वह जो कहते हैं वह भारत के 140 करोड़ लोगों की आवाज है। उन्होंने कहा कि भारत के सामने अपनी जड़ें मजबूत करने की चुनौतियां हैं। साथ ही भारत नई ऊंचाई पर पहुंचने की दिशा में भी काम कर रहा है जैसा कि दुनिया उससे उम्मीद करती है।

उन्होंने कहा, ''चुनौतियां बड़ी हैं। लेकिन चुनौतियों को चुनौती देना मेरे स्वभाव में है।'' उन्होंने उत्साहित भीड़ के सामने विश्वास जताया कि उनकी सरकार समय रहते इन उम्मीदों को पूरा करने में सफल होगी।  उन्होंने कहा कि देश से वैश्विक उम्मीदें बढ़ रही हैं।

मोदी ने यात्रा के दौरान प्रशांत द्वीपीय देशों के लोगों द्वारा दिए गए सम्मान के बारे में बात की और कहा कि महामारी के दौरान उन्हें भेजे गए कोविड-19 टीकों के लिए इन देशों ने भारत के प्रति आभार भी जताया।

विदेशों में टीके भेजने के सरकार के फैसले की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''याद रखिए, यह बुद्ध की भूमि है, यह गांधी की भूमि है। हम अपने दुश्मनों की भी परवाह करते हैं, हम करुणा से प्रेरित लोग हैं।''

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया भारत की कहानी सुनने को इच्छुक है। उन्होंने कहा कि भारतीयों को अपनी महान संस्कृति और परंपराओं के बारे में बोलते समय कभी भी ''गुलाम मानसिकता'' से पीड़ित नहीं होना चाहिए और इसके बजाय साहस के साथ बोलना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह कहते हैं कि हमारे देश के तीर्थ स्थलों पर कोई भी हमला स्वीकार्य नहीं है तो दुनिया भी इससे सहमति व्यक्त करती है।

मोदी ने बुधवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज के समक्ष ऑस्ट्रेलिया में मंदिरों पर हमले की घटनाओं का मुद्दा उठाते हुए उन्हें भारत की चिंताओं से अवगत कराया था। उन्होंने कहा कि सिडनी में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम के दौरान न केवल ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्य मौजूद थे, बल्कि एक पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्षी दलों के प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्होंने भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों की मजबूती रेखांकित करते हुए कहा कि यह भारतीयों के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि देश भर में आयोजित 150 से अधिक बैठकों में जी-20 प्रतिनिधियों के भारत में हुए स्वागत ने दुनिया को बहुत प्रभावित किया है। उन्होंने कहा, ''मैंने जिन नेताओं और अन्य लोगों से मुलाकात की, वे भारत द्वारा जी-20 की अध्यक्षता इतनी शानदार तरीके से किए जाने को लेकर बहुत मंत्रमुग्ध थे और सभी ने इसकी सराहना की है। यह सभी भारतीयों के लिए बहुत गर्व की बात है।''

इससे पहले भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी दुनिया में भारत की बढ़ती छवि और प्रतिष्ठा के लिए मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की। जयशंकर ने कहा, ”मोदी के नेतृत्व के कारण दुनिया नए भारत को नए नजरिए से देख रही है।'' विदेश मंत्री ने कहा कि पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने भारतीय राजदूत से कहा कि वह भारतीय नेता को ‘विश्व गुरु’ मानते हैं।

भाजपा में शामिल होने और मंत्री बनने से पहले भारत के विदेश सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री द्वारा मोदी को ‘बॉस’ कहे जाने का भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने करीब 45 साल के अपने अनुभव में ऐसा कभी नहीं देखा। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की उस टिप्पणी को याद करते हुए कहा कि मोदी के नेतृत्व के कारण भारत की छवि और प्रतिष्ठा इतनी ऊंची हुई है कि अगले महीने देश की अपनी राजकीय यात्रा के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री की मौजूदगी वाले कार्यक्रमों में निमंत्रण की भारी मांग है।

बाइडन ने कहा था कि वह मोदी का ऑटोग्राफ चाहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा भी की। नड्डा ने विश्व स्तर पर भारतीय मूल्यों और परंपराओं को स्थापित करने के मोदी के प्रयासों की सराहना की और कहा कि भारत के लोग इस पर गर्व महसूस करते हैं।

मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जापान के हिरोशिमा गए थे। इसके बाद उन्होंने पापुआ न्यू गिनी की यात्रा की, जो किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री के लिए प्रशांत द्वीप देश का पहला दौरा था। मोदी ने अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के निमंत्रण पर सिडनी की यात्रा भी की।

इस मौके पर प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री तीन देशों की यात्रा कर अपने देश लौटे हैं और जिस तरीके से बीते पांच दिनों में उन्होंने भारत की छवि को आगे बढ़ाया है, वह गौरवान्वित करता है। प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में मोदीजी ने वैश्विक स्तर पर भारत का कद बढ़ाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा उनका ऑटोग्राफ मांगना अपने आप में मोदीजी के नेतृत्व के करिश्मे और उनके नेतृत्व में भारत की बदलती तस्वीर को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि जहां भी प्रधानमंत्री गए वहां के इंडस्ट्री लीडर्स, वैज्ञानिक और वहां के गणमान्य नेता आपसे मिलने को आतुर रहे और उन्होंने आपके साथ गवर्नेंस पर चर्चा की। यह भी हमारे लिए सौभाग्य की बात है। प्रधानमंत्री के गवर्नेंस मॉडल को दुनिया ने सराहा है।