तिरुवनंतपुरम
त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (TDB) ने मंगलवार को आदेश जारी कर मंदिरों में राष्ट्रीय स्वयं सेवक की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। खास बात है कि टीडीबी के अधिकार क्षेत्र में दक्षिण भारत के करीब 1200 मंदिर आते हैं। बोर्ड ने मंदिरों से सख्ती से इस आदेश का पालन करने के लिए कहा गया है। अध्यक्ष ने संघ की शाखाओं पर भी सवाल उठाए हैं। टीडीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि इस बार फिर से परिपत्र जारी किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मंदिर परिसर के अंदर आरएसएस की शाखाओं के संचालन की अनुमति नहीं दी जा सके।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब टीडीबी ने मंदिर परिसर में शस्त्र प्रशिक्षण पर रोक लगाई है। साल 2016 में ही बोर्ड ने सर्कुलर जारी कर RSS के हर तरह के शस्त्र प्रशिक्षण पर रोक लगा दी थी। 30 मार्च 2021 को भी जारी हुए टीडीबी के आदेश में कहा गया था कि मंदिर परिसर का इस्तेमाल पूजा और त्योहारों के अलावा किसी अन्य उपयोग में नहीं लाना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार, टीडीबी के अध्यक्ष के अनंतगोपन ने कहा, 'आरएसएस की शाखाएं कई मंदिरों में चल रही हैं और उनका अभ्यास भी जारी है। यही वजह है कि ऐसा सर्कुलर जारी किया गया। मंदिर भक्तों के लिए है, यहां श्रद्धालुओं को कोई भी असुविधा नहीं होना चाहिए। बोर्ड का यही मानना है।' बोर्ड का कहना है कि सर्कुलर नहीं मानने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
टीडीबी ने 18 मई को जारी किए गए परिपत्र में कहा है कि संघ परिवार के संगठन को हथियारों के प्रशिक्षण के लिए मंदिर की संपत्तियों का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने वाले उसके 2021 के आदेश को लागू नहीं किया जा रहा है।