शंघाई,
ओजस देवताले और ज्योति सुरेखा वेनम की भारत की मिश्रित टीम जोड़ी ने अपना करिश्माई प्रदर्शन जारी रखते हुए यहां कोरिया के मजबूत टीम को हराकर तीरंदाजी विश्वकप में लगातार अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता।
भारत के इस जोड़ी ने अंताल्या में विश्व कप के पहले चरण में भी स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने दूसरे चरण में भी अपना शानदार प्रदर्शन बरकरार रखा और कोरिया की शीर्ष वरीयता प्राप्त जोड़ी को 156-155 से पराजित किया।
भारतीय जोड़ी और किम जोंघो और ओह योह्युन की अनुभवी कोरियाई जोड़ी ने पहले तीन चरण में समान 39 अंक बनाए। चौथे और अंतिम चरण में हालांकि कोरियाई टीम दबाव में आ गई और वह 38 अंक ही बना पाई जबकि भारतीय जोड़ी ने फिर से 39 अंक बनाकर लगातार दूसरा स्वर्ण पदक अपने नाम किया।
ज्योति ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा,'' पूरे विश्व कप के दौरान हमारा तालमेल और निशाने साधने की प्रक्रिया शानदार रही। फाइनल में भी हमने सही निशाने लगाने पर ही अपना ध्यान केंद्रित किया।''
ज्योति यहां व्यक्तिगत वर्ग में शुरू में ही बाहर हो गई थी लेकिन इससे पहले उन्होंने अंताल्या में व्यक्तिगत वर्ग का भी स्वर्ण पदक जीता था। इस तरह से 2023 में विश्वकप में अभी तक वह तीन स्वर्ण पदक जीत चुकी है। अब उनकी निगाह बर्लिन में होने वाली विश्व तीरंदाजी चैंपियनशिप में अच्छा प्रदर्शन करने पर टिकी है।
विजयवाड़ा की रहने वाली इस तीरंदाज ने कहा,'' विश्व चैंपियनशिप हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण प्रतियोगिता है तथा यहां स्वर्ण पदक जीतकर हमारा मनोबल बढ़ा है। हम अपनी इस लय को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे।''