अटारी
भारत सरकार ने अपनी सजा पूरी कर चुके 22 पाकिस्तानी कैदियों को उनके देश वापस भेज दिया है। अधिकारियों ने बताया कि उन सभी पाकिस्तानियों को अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते वापस भेजा गया है। अधिकारियों ने ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने शुक्रवार को 22 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा कर उन्हें सीमा की संयुक्त जांच चौकी (जेसीपी) पर पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंप दिया।
आपातकालीन यात्रा प्रमाणपत्र किया गया जारी
अधिकारियों ने बताया कि यह सभी आपातकालीन यात्रा प्रमाणपत्र मिलने के बाद पाकिस्तान वापस जा सके। दरअसल, दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा 'आपातकालीन यात्रा प्रमाणपत्र' जारी किया गया था, क्योंकि गिरफ्तारी के समय उनमें से किसी के पास भी किसी तरह का यात्रा दस्तावेज नहीं था।
अलग-अलग जेल में बंद थे पाकिस्तानी मछुआरे
अधिकारियों ने बताया कि यह 22 पाकिस्तानी कैदी देश के अलग-अलग जेल में कैद थे। इनमें से नौ गुजरात की कच्छ जेल से, 10 अमृतसर केंद्रीय कारागार से और तीन अन्य जेलों से यहां लाए गए मछुआरे हैं, जिन्हें भारतीय नौसेना ने पकड़ा था।
पाकिस्तान ने रिहा किए थे 198 भारतीय
बीते सप्ताह, पाकिस्तान की ओर से 198 भारतीय मछुआरों को भी रिहा किया गया था। इन सभी को अटारी-वाघा बॉर्डर पर ही भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया था। दरअसल, यह सभी भारतीय मछुआरे पाकिस्तान के मालीर जेल में बंद थे। हालांकि, इस दौरान 200 मछुआरों को रिहा किया जाना था, लेकिन बीमारी के कारण दो मछुआरों की मौत हो गई, जिस कारण 198 भारतीय मछुआरे अपने देश में वापसी कर पाए हैं। पाकिस्तानी बाकी कुछ मछुआरों को जून या जुलाई में रिहा करेगा।
जनवरी में भेजे गए थे 17 पाकिस्तानी
इससे पहले जनवरी में 17 पाकिस्तानी मछुआरों को रिहा किया गया था। इन्हें भी अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए ही पाकिस्तानी रेंजर्स को सौंपा गया था। वहीं, 1 जनवरी को भारत की ओर से पाकिस्तानी रेंजर्स को देश के जेल में कैद 339 पाकिस्तानी कैदियों और 95 पाकिस्तानी मछुआरों की सूची भी दी थी।