जालंधर
हाल ही में कर्नाटका में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम भाजपा के लिए कोई ज्यादा अच्छे नहीं थे, लेकिन इन चुनावों के बाद 2024 के लिए कई राज्यों की भाजपा इकाइयों के हौसले पस्त होने लगे हैं। खासकर कांग्रेस की तरफ से कर्नाटका चुनाव में जो पांच गारंटियां दी गईं, उनके बाद पंजाब जैसे राज्य में भाजपा के पास मुकाबला करने के लिए फिलहाल कोई हथियार नहीं है।
कांग्रेस की गुगली के आगे भाजपा पस्त
कर्नाटका चुनाव में कांग्रेस ने पांच गारंटियां दी थीं, जिसमें 200 यूनिट बिजली, महिलाओं को प्रति माह 2000 रुपए, बी.पी.एल. परिवारों को 10 किलो मुफ्त चावल, ग्रैजुएट बेरोजगारों को 2 साल तक 3000 रुपए प्रति महीना और डिप्लोमा धारकों को 1500 रुपए प्रति माह 2 साल तक तथा महिलाओं को मुफ्त बस सेवा की सुविधा देना शामिल है। कांग्रेस के इस गुगली के आगे भाजपा की कर्नाटका में एक नहीं चली। यही गारंटियां लेकर कांग्रेस अब अन्य राज्यों में चुनावों में उतर रही है, लेकिन यह भी चर्चा है कि 2024 के चुनावों में भी इस तरह की गारंटियां लेकर कांग्रेस मैदान में उतर सकती है।
पंजाब में भी गारंटी दे सफल हुई 'आप'
पंजाब में अगर कांग्रेस इस तरह के लोक लुभावन गारंटियां लेकर आती है तो राज्य में भाजपा और अकाली दल को सबसे ज्यादा नुक्सान झेलना पड़ेगा। आम आदमी पार्टी राज्य में सत्ता में है और पार्टी पहले से ही मुफ्त बिजली, लोगों को रोजगार जैसे मुद्दों पर राज्य के लोगों को तोहफा दे चुकी है। महिलाओं को 1000 रुपए प्रति महीना का वादा भी मान सरकार जल्द पूरा करने के लिए तैयारियों में जुटी है। लेकिन भाजपा के पास पंजाब में लोगों के बीच जाकर बताने के लिए कुछ नहीं है। जालंधर के लोकसभा उपचुनाव में भी इलाके को लेकर कोई खास रोडमैप भाजपा के पास नहीं था। पार्टी के लोग आम आदमी पार्टी सरकार की खामियों पर ही लंबे-चौड़े भाषण देते रहे, लेकिन खुद क्या किया या क्या करने की योजना है, वो सब बताने के लिए भाजपा के पास कुछ नहीं था। यही हाल अकाली का भी था।
आने वाले चुनावों में भी चलेगा गारंटियों का दौर
2023 में पांच और राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जहां पर कांग्रेस इन पांच गारंटियों के साथ मैदान में उतर सकती है। वैसे इन गारंटियों को लेकर कांग्रेस कर्नाटका से पहले हिमाचल प्रदेश में भी उतरी थी और पार्टी को सफलता मिली थी। इस सबको देखते हुए भाजपा में इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि पार्टी के नेतृत्व वाले राज्यों की सरकारों में इस तरह की स्कीमों को लेकर योजना बनाई जाए और उन्हें लागू करवाया जाए। चाहे पंजाब में आम आदमी पार्टी हो या हिमाचल में कांग्रेस। लोक लुभावन योजनाओं ने भाजपा को मुश्किल में जरूर डाल दिया है। शायद यही कारण है कि पार्टी अब भाजपा नेतृत्व वाले राज्यों में कुछ इस तरह की स्कीमें शुरू करने की योजना पर काम कर रही है। इसके लिए भाजपा की मौजूदा योजनाओँ को भी खंगाला जा रहा है ताकि उन्हें कांग्रेस या आम आदमी पार्टी की तरफ से दी जा रही स्कीमों की तरह प्रयोग किया जा सके।