Home मध्यप्रदेश तपेश तिवारी को भी कनवर्ट करना चाहता था सलीम बना सौरभ

तपेश तिवारी को भी कनवर्ट करना चाहता था सलीम बना सौरभ

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भोपाल

देश में आतंक की साजिश रचने वाले कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन हिज्ब-उत- तहरीर (एचयूटी) का सरगना मोहम्मद सलीम ने भोपाल में अपने कई हिंदू दोस्तों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था। इस दौरान उसके सम्पर्क में भोपाल के लंबाखेड़ा का रहने वाला एक ब्राह्मण युवक भी आ गया था, लेकिन उसके पिता की सख्ती के बाद उसने सलीम उर्फ सौरभ से दूरी बना ली थी। गौरतलब है कि मोहम्मद सलीम पहले सौरभ राजवैद्य था, बाद में उसने अपना धर्म बदल लिया और सलीम बन गया।  सौरभ राजवैद्य बैरसिया से आकर भोपाल के लांबा खेडा स्थित शारदा नगर में रहता था। उसी दौरान रायसेन जिले के बाड़ी बरेली के रहने वाला ब्राह्मण परिवार भी शारदा नगर में रहने के लिए आया। इस परिवार के तपेश तिवारी और सौरभ में दोस्ती हो गई। करीब तीन-चार साल की दोस्ती के बाद सौरभ प्रयास करने लगा कि तपेश भी उसकी तरह ही धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बन जाए।

सभी संदिग्धों को मिल रहा था विदेशों से पैसा
एचयूटी भोपाल और हैदराबाद में पिछले पांच साल से सक्रिय था। इस बात का खुलासा एटीएस की पूछताछ में आरोपियों ने किया है। हालांकि आरोपी यह नहीं बता रहे हैं कि पिछले पांच सालों में उन्होंने क्या-क्या किया है। इस दौरान ये लोग भोपाल और हैदराबाद के अलावा कहां-कहां सक्रिय रहे यह भी नहीं बता रहे हैं। इनसे और पूछताछ करने के चलते ही भोपाल से पकड़ाए यासिर खान , सैय्यद सामी रिजवी , मोहम्मद आलम, खालिद हुसैन और सैय्यद दानिश अली और हैदराबाद से पकड़ाए  मोहम्मद सलीम, अब्दुल रहमान, मोहम्मद अल्ताफ, उमेद और हामिद को 24 मई तक पुलिस रिमांड पर लिया गया है। इधर इन सभी के बैंक खातों की जानकारी अभी नहीं आई है। इनके कई बैंकों में खाते हैं। शुरुआती पूछताछ में एटीएस को यह पता चला था कि इन सभी के पास विदेशों से भी पैसा आता है।

कहता था इस्लाम सबसे अच्छा, मस्जिद लेकर भी गया
तपेश ने बताया कि पहले हम कॉलोनी में क्रिकेट और बेंडमिंटन साथ में खेलते थे।  उसी वक्त पता चला कि यह मुस्लिम बन चुका है। यह बात रही होगी करीब 2010 की। इसी दौरान वह बार-बार मुझे इस्लाम के बारे में बताता रहता था। उसने मुझे कुरान भी पढ़ने के लिए दी। सौरभ बताता था कि इस्लाम ही सबसे अच्छा धर्म है। एक बार वह मुझे करोंद की मस्जिद लेकर आया। यहां पर उसने नमाज पढ़ी। इसके बाद वह मुझे नबी मस्जिद भी लेकर गया, जहां पर उनकी पंगत चल रही थी। यहां पर मुझे नॉन वेज परस दिया गया, लेकिन मैं नहीं खाता था तो वहां से बाहर आ गया। मेरे पिता ने चेतावनी दे दी कि उसका साथ रहना हो तो घर छोड़ दो। इसके बाद मैंने उससे दूरी बना ली थी।