मऊ
आचार संहिता उल्लंघन के दो मामलों में आरोप तय करने के लिए शुक्रवार को एमपी/एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहने पर मुख्तार के बेटे उमर अंसारी के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। दोनों मामलों में अगली सुनवाई दो जून को होगी। सीजेएम एमपी /एमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी की अदालत में आचार संहिता उल्लंघन के दो मामले में आरोप तय करने के लिए शुक्रवार को सुनवाई हुई। मामले के आरोपी मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी को कासगंज जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश किया गया। जबकि उमर अंसारी कोर्ट में पेश नहीं हो सका।
उमर के पेश नहीं होने पर आरोप तय नहीं हो सका। कोर्ट ने उमर के अनुपस्थित रहने पर सख्त रुख अपनाते हुए उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। गौरतलब है कि 27 फरवरी 22 को विधानसभा चुनाव के दौरान बिना अनुमति रोड शो निकालन और चुनाव जीतने के बाद 10 मार्च को बिना अनुमति विजय जुलूस निकालने पर मुख्तार अंसारी के दोनों बेटे प्रत्याशी अब्बास अंसारी और उमर अंसारी के अलावा गणेश दत्त मिश्रा, मंसूर अंसारी, मोहम्मद ईशा खान, शाहिद लारी, शाकिर लारी, जुल्फेकार और धर्मेंद्र सोनकर के खिलाफ आचार संहित उल्लंघन के मामले में पुलिस ने दो मुकदमा दर्ज किया था। शुक्रवार को दोनों मामलों में आरोप तय होना था।
मुख्तार के करीबी अंगद की जमानत याचिका खारिज
माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी व सजायाफ्ता अंगद राय को भभुआ जेल से वारंट बी पर गाजीपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शरद कुमार चौधरी की अदालत में शुक्रवार को पेश किया गया। धमकी देने के मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अंगद की जमानत याचिका खारिज कर दी। तीन मार्च 2023 को सदर कोतवाली थाने में डिलिया निवासी प्रमोद गिरी उर्फ पप्पू गिरी ने अमित राय व विश्वनाथ राय के खिलाफ गवाही से रोकने के लिए धमकी देने और रंगदारी मांगने मुकदमा दर्ज कराया था।
अफजाल अंसारी की अपील पर सुनवाई 24 को
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में मिली सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई के लिए 24 मई की तारीख लगाई है।अफजाल के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने बताया कि शुक्रवार को अपील पर सुनवाई के लिए राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता ने बहस के लिए दो दिन का समय मांगा। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 24 मई की तारीख लगा दी। अफजाल अंसारी की ओर से दाखिल अपील में सजा के फैसले को चुनौती देने के लिए कई आधार लिये गए हैं। अपील में मुख्य आधार यह लिया गया है कि दो बार सांसद और पांच बार विधायक रहे अफजाल अंसारी को राजनीतिक रंजिश के कारण गैंगस्टर एक्ट के इस मुकदमे में झूठा फंसाया गया। साथ ही कृष्णानंद राय की हत्या के जिस मुकदमे के आधार पर अफजाल अंसारी पर वर्ष 2007 में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया।