शंघाई
भारत की कंपाउंड तीरंदाजी टीम ने यहां फाइनल में जगह बनाकर विश्वकप के दूसरे चरण में पदक पक्का किया लेकिन रिकर्व तीरंदाजों का निराशाजनक प्रदर्शन जारी रहा।
ओजस देवताले और ज्योति सुरेखा वेनम की भारतीय जोड़ी ने एक रोमांचक सेमीफाइनल में इटली की अपनी प्रतिद्वंदी टीम को 157-157 (19*-19) से हराकर विश्व कप में लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीतने की तरफ मजबूत कदम बढ़ाए।
भारत की छठी वरीयता प्राप्त जोड़ी का सामना आज होने वाले फाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त कोरिया से होगा। पिछले महीने अंताल्या में विश्वकप के पहले चरण में स्वर्ण पदक जीतने के बाद भारतीय जोड़ी की फाइनल में यहां कड़ी परीक्षा होगी।
भारतीय जोड़ी ने प्री-क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश को 158-151 से आसानी से पराजित किया, जबकि अगले दौर में उन्होंने तुर्की की मजबूत टीम पर 157-156 से जीत हासिल की।
सेमीफाइनल में इटली की एलिसा रोनर और एलिया फ्रीगनन ने पहले चक्र में परफेक्ट 40 का स्कोर बनाते हुए एक अंक की बढ़त हासिल की। इटली की टीम ने तीसरे चक्र में 40 का स्कोर बनाया और अपनी बढ़त दो अंकों (117-119) की कर दी।
लेकिन ओजस और ज्योति ने बेहतरीन वापसी की और चौथे दौर में 40 का स्कोर बनाकर मुकाबले को शूट ऑफ तक खींच दिया जिसमें भारतीय जोड़ी के तीर केंद्र के अधिक करीब रहे और इस आधार पर उसने फाइनल में जगह बनाई।
लेकिन ओलंपिक में शामिल रिकर्व स्पर्धा में भारत को निराशा हाथ लगी। धीरज बोम्मदेवरा और सिमरनजीत कौर की पांचवीं वरीयता प्राप्त रिकर्व जोड़ी अपने पहले मैच में इंडोनेशिया से 2-6 (39-35, 37-39, 37-38, 34-35) से हार गई।
अपनी रैंकिंग के आधार पर बाई हासिल करके दूसरे दौर (प्री क्वार्टर फाइनल) में जगह बनाने वाले भारतीय जोड़ी इंडोनेशिया के खिलाफ शुरू में 2-0 से आगे थी लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा सकी और अपने से कम रैंकिंग वाली टीम से हार गई।