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अनाथों के साथ धोखा! आयुष्मान कार्ड पर नहीं मिल रहा इलाज, नहीं हुए एक्टिवेट

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प्रयागराज

कोरोना काल में माता-पिता के साये से महरूम हुए मासूमों से तकदीर ने तो धोखा किया ही, प्रशासन भी उनके साथ मजाक कर रहा है। ऐसे बच्चों को भविष्य में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने आयुष्मान कार्ड दिया जिस पर पांच लाख रुपये का उपचार निशुल्क हो सके। प्रयागराज में महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने बच्चों का कार्ड तो बनाया, लेकिन इसकी आईडी आज तक अपलोड नहीं है। ऐसे में जब एक बीमार बच्चा अस्पताल पहुंचा तो परिवार वाले ठगा सा महसूस करने लगे।

कोरोना काल में शिवांग त्रिपाठी के माता-पिता अंजू त्रिपाठी और शैलेंद्र त्रिपाठी की क्रमश 17 व 19 अप्रैल 2021 में कोरोना से मुत्यु हो गई थी। वर्ष 2008 में जन्में शिवांग की तबीयत पिछले दिनों खराब हुई तो परिवार वाले उसे अल्लापुर के एक अस्पताल में भर्ती कराए। जब अस्पताल में फीस जमा करने के लिए कहा तो आयुष्मान कार्ड दिखाया गया। अस्पताल के काउंटर पर जब कार्ड की आईडी डाली गई तो मोबाइल पर ओटीपी आया। ओटीपी अपलोड करने के बाद कोई सूचना नहीं आई जिससे मालूम चला कि कार्ड की आईडी को अब तक अपलोड ही नहीं किया गया। यह एक मामला नहीं है, जिले में ऐसे तमाम मामले हैं। मामले में डीपीओ पंकज कुमार मिश्र का कहना है कि यह कार्ड भारत सरकार से आया था जिसे एक्टिवेट कराना पड़ता है। सीएमओ को कार्ड भेज दिया गया है। आईडी एक्टिवेट भी हो गई है।

13 को दिए थे कार्ड
प्रशासन ने ऐसे बच्चों को पिछले साल एक बड़े कार्यक्रम में बुलाकर कार्ड दिया था। इस दौरान 13 ऐसे बच्चे थे, जिनके माता पिता दोनों की मृत्यु हो गई थी। इनके नाम कार्ड जारी कर बाकायदा बताया गया कि अब उन्हें उपचार की परेशानी नहीं होगी।

हर महीने नहीं हो रही है जांच
पिछले साल एक ऐसे बच्चे की मृत्यु हो गई, जिसके माता पिता दोनों की मृत्यु महामारी के कारण हुई थी। इसके बाद बंदोबस्त किया गया था कि महिला एवं बाल कल्याण विभाग की टीम हर महीने जाकर बच्चों का हाल जानेगी। शुरुआत में एक महीने तो टीम गई, लेकिन इसके बाद से टीम किसी के घर पर नहीं गई।