लखनऊ
बाइक और कार चलाने वालों की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। ये वाहन चालक शाम छह बजे से रात नौ बजे के बीच सबसे ज्यादा सड़क हादसे कर रहे है। इसका खुलासा परिवहन विभाग के रोड सेफ्टी सेल की रिपोर्ट से हुआ है। जहां बीते वर्ष 2022 में 3143 सड़क दुर्घटनाएं शाम छह से नौ के बीच तीन घंटों में दर्ज की गई। इन हादसों में बाइक और कार सवार समेत 1704 लोगों की मौत हुई। सड़क हादसे का यह आकड़ा परिवहन विभाग के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे में शाम के वक्त तीन घंटों के दौरान प्रदेश भर में होने वाले सड़क हादसों को रोकने के लिए सर्वे कराने की तैयारी है। यह आकलन नेशनल हाईवे, स्टेट हाइवे, एक्सप्रेस वे तथा ग्रामीण सड़कों पर हुई दुर्घटनाओं के आधार पर किया गया।
वाहन चालकों की जल्दबाजी से हुए हादसे
परिवहन विभाग के रोड सेफ्टी सेल के अधिकारी बताते है कि शाम के वक्त वाहन चालकों की जल्दबाजी से सबसे ज्यादा हादसे हो रहे है। ऐसे हादसों पर लगाम लगाने के लिए वर्ड बैंक की टीम हादसे पर रिसर्च कर रही है। जल्द ही जो भी रिपोर्ट सामने आएगी। उसी रिपोर्ट के आधार पर शाम के वक्त सड़क हादसों को रोकने के लिए नए सिरे से कवायद की जाएगी।
शाम को इन पांच वजहों से सबसे ज्यादा हादसे
-सड़क पर तेज रफ्तार वाहन चलाना
-शराब पीकर अनियंत्रित वाहन चलाना
-ट्रैफिक सिग्नल तोड़कर वाहन चलान
-सड़क पर लाइटों की कमी से हादसे
-मुख्य सड़क पर अचानक आने पर
रोड सेफ्टी अपर परिवहन आयुक्त पुष्पसेन सत्यार्थी ने बताया कि पिछले साल सड़क हादसे की रिपोर्ट चौकाने वाली हैं। 24 घंटे को आठ अलग-अलग हिस्सों में बांटकर हादसे का ब्यौरा जुटाया गया। जिसमें शाम के समय सबसे ज्यादा सड़क हादसे दर्ज किए गए है। ऐसे हादसें रोकने के लिए रोड सेफ्टी की टीम सर्वे करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।