Home मध्यप्रदेश इलेक्शन के पहले सरकारी जमीन पर काबिज 90 हजार लोगों को मिलेगा...

इलेक्शन के पहले सरकारी जमीन पर काबिज 90 हजार लोगों को मिलेगा मालिकाना हक

3

भोपाल

राजधानी में विधानसभा चुनाव के पहले सरकारी जमीन पर काबिज करीब 90 हजार लोगों को मालिकाना हक देने की तैयारी जिला प्रशासन कर रहा है। इसके लिए सरकारी जमीन में रह रहे लोगों को तीन साल पुराना रिकार्ड और कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार प्रीमियम देना होगा। इस संबंध में कलेक्टर आशीष सिंह ने संबंधित अफसरों को निर्देश जारी किए हैं। इसकी सूची तैयार की जा रही है। जून महीने तक यह सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

ऐसे बढ़े मालिकाना हक पाने वाले लोग
बताया जा रहा है कि अब तक 31 दिसंबर, 2014 तक सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को ही रिकार्ड दिखाना पड़ता था। इससे जिले में सिर्फ 30 हजार लोगों को फायदा मिलता था। इसके बाद धारणाधिकार नियमों में संशोधन के बाद से 31 दिसंबर, 2020 तक काबिज लोग मालिकाना हक पाने के पात्र हो गए हैं। अब इसमें 60 हजार परिवार और नए जुड़ गए हैं। इस तरह करीब 90 हजार लोग सीधे-सीधे इस नियम से फायदे में आ रहे हैं। अब तक करीब 9,560 परिवारों ने मालिकाना हक के लिए आवेदन दिया है। इसमें 2,453 परिवारों को जमीन का मालिकाना हक दिया जा चुका है। जिला प्रशासन गूगल मैप के जरिए 2020 तक सरकारी जमीन पर काबिज लोगों का सत्यापन करेगा।

जमीन की लीज देना पड़ेगी
सरकारी जमीन पर काबिज परिवारों को चार रुपए प्रति वर्गमीटर सालाना भू-भाटक पर जमीन की लीज देना पड़ेगी। इसके तहत एक हजार वर्गफीट के मकान का सिर्फ 400 रुपए लीज रेंट सालाना जमा करना पड़ेगा। ऐसी जमीनें जो पहले से सरकारी थीं, वहां काबिज लोगों को वर्तमान कलेक्टर गाइडलाइन की दर से पांच प्रतिशत प्रीमियम देना पड़ता था, जिसे घटाकर एक प्रतिशत कर दिया गया है।

कलेक्टर गाइडलाइन के अनुसार देना होगा प्रीमियम

  • नगरीय क्षेत्र की सरकारी भूमि पर जो लोग 31 दिसंबर, 2020 या उससे पहले से रह रहे हैं, वे वर्तमान कलेक्टर गाइडलाइन की दर से एक प्रतिशत प्रीमियम चुकाकर पट्टा ले सकेंगे।
  • आवासीय पट्टा – 150 से 200 वर्गमीटर तक एक प्रतिशत भू-भाटक देना होगा।
  • व्यावसायिक पट्टा – 20 वर्गमीटर तक के भूखंड पर पांच प्रतिशत भू-भाटक चुकाना होगा। पहले यह 25 प्रतिशत था।

यह दस्तावेज देना पड़ेंगे
बिजली बिल, जल प्रदाय बिल, किसी सरकारी कार्यालय का कोई पत्र या दस्तावेज, जनगणना 2011 में उल्लेखित पता संपत्ति कर, मतदाता सूची में नाम आदि।

मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान-दो के तहत धारणाधिकार का भी लाभ पात्र हितग्राहियों को दिया जाएगा। प्राप्त आवेदनों का परीक्षण करने के बाद ही लोगों को सरकारी भूमि पर रहने का मालिकाना हक दिया जाएगा। नियम में बदलाव के बाद से इनकी संख्या संभवत: बढ़ गई है।
 आशीष सिंह, कलेक्टर, भोपाल