नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट के जज रहते हुए जस्टिस एमआर शाह ने 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। एक बार फिर उन्होंने सरकार का समर्थक होने के लिए निशाना बनाया जा रहा है। सोमवार को रिटायर होने के बाद भी वह अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहे। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री के लिए की गई प्रशंसा के साथ टिके हुए हैं। कुछ लोगों के द्वारा की जा रही आलोचना की उन्हें कोई चिंता नहीं है।
न्यायमूर्ति एमआर शाह ने 2018 में गुजरात हाईकोर्ट में हीरक जयंती के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे लोकप्रिय, जीवंत और दूरदर्शी नेता कहा था। रिपोर्ट के मुताबिक, शाह अपने स्टैंड पर कायम है। उन्होंने कहा कि उनका विवेक स्पष्ट था। मेरे निर्णय मेरे व्यक्तिगत विचारों से कभी प्रभावित नहीं हुए। उन्होंने कहा, "कोई भी यह नहीं कह सकता है कि बतौर न्यायाधीश मेरे द्वारा लिए गए निर्णय मेरे व्यक्तिगत विचारों से प्रभावित हुए हैं। जिनके पास करने के लिए कुछ नहीं है वे जजों की आलोचना करते हैं।" उनसे जब पूछा गया कि क्या उन्हें अपने बयान पर पछतावा है तो उन्होंने कहा, "पछतावे की बात कहां है? मैंने क्या गलत कहा है?"
गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उनके कामकाजी संबंध थे? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "न्यायिक पक्ष में एक साथ काम करने का कोई सवाल ही नहीं होता है।" एक न्यायाधीश के रूप में मेरे पूरे करियर में कभी किसी राजनेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध नहीं रहे। मैंने एक न्यायाधीश के रूप में अपना कर्तव्य बिना किसी भय, पक्षपात या दुर्भावना के निभाया।
शाह ने कहा, "मैंने सरकार के खिलाफ कई फैसले पारित किए हैं।" उन्होंने कहा, "जब हम निर्णय देते हैं तो हम इस बात पर विचार नहीं करते हैं कि सत्ता में कौन है। हम सिर्फ यह देखते हैं कि देश के हित में क्या है।"