नई दिल्ली
फर्जी GST रजिस्ट्रेशन का पता लगाने और फर्जी इनपुट कर क्रेडिट (ITC) के दावे का अनुचित फायदा उठाने वाले धोखेबाजों की पहचान के लिए केंद्र एवं राज्यों के कर अधिकारियों ने दो महीने का एक विशेष अभियान शुरू किया है। केंद्र एवं राज्यों के सभी टैक्स विभागों द्वारा शुरू किया गया यह अभियान 16 मई से 15 जुलाई तक चलेगा। इस दौरान संदिग्ध GST खातों की पहचान करने के साथ ही फर्जी बिलों को GST नेटवर्क (GSTN) से बाहर करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल देशभर में GST प्रणाली के तहत करीब 1.39 करोड़ करदाता रजिस्टर्ड हैं।
कैसे करते हैं चोरी
ऐसे लोग माल एवं सेवा कर (GST) के मंच पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद उसके आधार पर धोखेबाज फर्जी रसीदों के सहारे आईटीसी के दावे करते हैं और किसी भी तरह की सेवा या उत्पाद की आपूर्ति के बगैर ही वह राशि अपने खाते में जमा करा लेते हैं। वर्ष 2022-23 में माल और सेवा कर (GST) चोरी के लगभग 14,000 मामले पकड़े गए। वर्ष 2021-22 में यह संख्या 12,574 और 2020-21 में 12,596 थी। वित्त वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की GST कर चोरी होने का अनुमान है। इस दौरान GST आसूचना महानिदेशालय ने 21,000 करोड़ रुपये की कर वसूली भी की। इसे देखते हुए कर अधिकारियों ने फर्जी रजिस्ट्रेशन पर नकेल कसने की कवायद शुरू की है।
आंकड़ा विश्लेषण का सहारा लिया जाएगा
फर्जी रजिस्ट्रेशन की पहचान के लिए GSTN पर विस्तृत आंकड़ा विश्लेषण और जोखिम मानकों का सहारा लिया जाएगा। फर्जी रजिस्ट्रेशन की जानकारी मिलने के बाद संदिग्ध GST पहचान नंबर के सत्यापन के लिए तय अवधि में कदम उठाया जाएगा। अगर आधार पर आधारित सत्यापन प्रक्रिया के दौरान संबंधित करदाता काल्पनिक पाया जाता है तो उस रजिस्ट्रेशन को निरस्त करने के लिए फौरन कदम उठाए जाएंगे।
व्यापार साइन बोर्ड पर GST रजिस्ट्रेशन संख्या
GST कानून के अनुसार, पंजीकृत व्यापारियों और व्यवसायों को अपने व्यापार साइन बोर्ड पर GST रजिस्ट्रेशन संख्या और परिसर में रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र प्रदर्शित करना होगा। साथ ही, कंपोजिशन डीलरों को यह उल्लेख करना होगा कि वे समग्र योजना का लाभ उठा रहे हैं और लोगों से कर एकत्र करने के हकदार नहीं हैं। यदि परिसर में GST पहचान संख्या प्रदर्शित नहीं होगी तो पंजीकृत इकाई दंड के लिए उत्तरदायी होगी।