नईदिल्ली
कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन होगा…कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गुरुवार को नाम का ऐलान कर सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया सीएम की रेस में सबसे आगे हैं और उनका मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है. दूसरी ओर कांग्रेस आलाकमान सीएम पद के दूसरे दावेदार डीके कुमार से मुलाकात कर उन्हें मनाएगा और उनकी चिंताओं का समाधान किया जाएगा. डीके कुमार की नाराजगी दूर करने के लिए सिद्धारमैया सरकार में अहम मंत्रालय भी दिये जा सकते हैं.
कर्नाटक में 13 मई को विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे. चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड जीत हासिल की और बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया. कांग्रेस ने चुनाव से पहले सीएम का चेहरा घोषित नहीं किया था. ऐसे में चुनाव के बाद पूर्व सीएम सिद्धारमैया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने सीएम पद के लिए दावेदारी की थी. इसके बाद आलाकमान ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया था. चार दिन के मंथन और कई दौर की बातचीत के बाद भी नाम पर आम सहमित नहीं बन पाई.
रेस में आगे निकले सिद्धारमैया
सूत्रों के मुताबिक, सिद्धारमैया सीएम की रेस में सबसे आगे हैं और उनका मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है. वे 11.30 बजे राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे गुरुवार को उनके नाम का ऐलान कर सकते हैं. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि शिवकुमार को गुमराह किया जा रहा है. लेकिन पार्टी आलाकमान उनसे बात करेगी और उनकी समस्याओं का समाधान करेगी. इतना ही नहीं पार्टी उनकी नाराजगी दूर करने के लिए नई सरकार में अहम मंत्रालय भी दे सकती है.
डीके शिवकुमार ने गिनाई थीं सिद्धारमैया की कमियां
इससे पहले डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने मंगलवार को मल्लिकार्जुन खड़गे से अलग अलग मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने पार्टी नेतृत्व को सिद्धारमैया की कमियां गिनाई थीं. सूत्रों के मुताबिक, शिवकुमार ने खड़गे को बताया था कि सिद्धारमैया का पिछला कार्यकाल अच्छा नहीं रहा था. लिंगायत समुदाय भी उनके खिलाफ है. उन्होंने कहा था, अगर सिद्धारमैया को पहले सीएम बनाया जा चुका है, तो अब किसी और को मौका क्यों नहीं मिलना चाहिए.
शिवकुमार ने खड़गे को बताया था कि 2019 में गठबंधन टूटने का कारण भी सिद्धारमैया थे. उन्होंने साफ शब्दों में कहा था, यह मेरे मुख्यमंत्री बनने का समय है और आलाकमान को मुझे मौका देना चाहिए. मैंने 2019 के बाद पार्टी को दोबारा खड़ा किया. यदि पार्टी मुझे मुख्यमंत्री पद देती है तो मैं इसे जिम्मेदारी के रूप में लूंगा जैसा मैंने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर किया था, नहीं तो मैं सिर्फ एक विधायक बना रहूंगा.
राहुल गांधी ने खड़गे के साथ की 90 मिनट तक बैठक
इससे पहले मंगलवार को राहुल गांधी मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे थे. इस दौरान दोनों नेताओं के बीच 90 मिनट तक बैठक चली थी. इस बैठक में कर्नाटक के सीएम के नाम पर चर्चा हुई थी. इस बैठक में कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और महासचिव केसी वेणुगोपाल मौजूद थे. इसके बाद वेणुगोपाल ने राहुल गांधी के आवास पर जाकर भी उनसे मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि अंतिम फैसला लेने से पहले सोनिया गांधी से भी चर्चा की जाएगी.
13 मई को नतीजे आने के बाद अब तक क्या क्या हुआ?
- – 13 मई को नतीजे आए. इसमें कांग्रेस ने 135 सीटों पर जीत हासिल की.
- – 14 मई को बेंगलुरु के एक होटल में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. इस बैठक में केंद्र से भेजे गए तीन पर्यवेक्षक भी मौजूद थे. बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास हुआ कि सीएम पर फैसला मल्लिकार्जुन खड़गे करें. हालांकि कुछ विधायकों ने इस दौरान अपनी निजी राय भी बताई.
- – 15 मई को पर्यवेक्षक दिल्ली पहुंचे और मल्लिकार्जुन खड़गे को रिपोर्ट सौंपी. पार्टी ने दोनों नेताओं शिवकुमार और सिद्धारमैया को दिल्ली बुलाया. पार्टी आलाकमान की देर रात तक बैठक चली, इसमें सीएम के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन सहमति नहीं बनी.
- – सिद्धारमैया 15 मई को दोपहर में दिल्ली पहुंचे. शिवकुमार ने खराब तबीयत का हवाला देते हुए दिल्ली आने से इनकार कर दिया.
- – डीके शिवकुमार 16 मई को दिल्ली पहुंचे. खड़गे के आवास पर बैठक हुई. राहुल गांधी भी इसमें मौजूद थे. इसके बाद खड़गे ने शिवकुमार और सिद्धारमैया के साथ अलग अलग बैठक की.