नईदिल्ली
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बुधवार की सुबह गैंगस्टरों, खालिस्तानियों और तस्करों की सांठगांठ के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए देश के 6 राज्यों में122 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में गैंगस्टरों और खालिस्तानियों की गतिविधियों से संबंधित सुरागों के आधार पर छापेमारी की जा रही है। यह छापेमारी लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, नीरज बवाना समेत दर्जन भर गैंगस्टर्स के करीबियों पर की गई है।
केंद्रीय एजेंसियों, दिल्ली पुलिस और अन्य राज्यों की पुलिस ने पिछले सात महीनों से देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ पाकिस्तान, कनाडा, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका जैसे देशों संचालित हो रहे इन संगठित अपराधियों और आतंकवादियों का पीछा किया है। इस दौरान कई गैंगस्टरों की गिरफ्तारी भी की गई।
इससे पहले 21 फरवरी को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, नीरज बवाना और उनके सहयोगियों से जुड़े 70 से अधिक स्थानों पर देश भर में छापेमारी की गई थी। छापे दिल्ली और उसके आसपास और राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मारे गए थे।
द रेजिस्टेंस फ्रंट के आतंकी फैजल के खिलाफ आरोप पत्र
इससे पहले एनआईए ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट की गतिविधियों से जुड़े मामले में एक आरोपित के खिलाफ सोमवार को पूरक आरोपपत्र दाखिल किया। एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि जम्मू के तालाब खटिकन इलाके के रहने वाले फैजल मुनीर उर्फ अली भाई इस मामले में आरोपपत्र में नामजद चौथा आरोपित है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच जैसी इकाइयों ने पिछले छह-सात महीनों में गैंगस्टर-आतंकवादी गठजोड़ के 51 कट्टर शीर्ष गुर्गों और 217 मध्य स्तर के अपराधियों को गिरफ्तार किया है। उनसे एके-47, एमपी-5, ग्रेनेड लांचर और हथगोले आदि सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद जब्त किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि जैसे राज्यों में पुलिस ने पूरे गैंगस्टर-नेटवर्क को खत्म करने के लिए दर्जनों बार छापे मारे हैं। इसके अलावा एनआईए ने पिछले छह-सात महीनों में सात राज्यों में पांच राउंड में 200 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी कर लगभग 30 गैंगस्टरों और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। 13 संपत्तियों को भी जब्त कर लिया है। 95 बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। 20 लुक आउट सर्कुलर जारी किए हैं।
एक अधिकारी ने कहा, ''ये गिरोह बड़े पैमाने पर जनता के बीच भय और दहशत फैलाने के लिए आतंक और हिंसा को प्रचारित करने के लिए साइबर-स्पेस का उपयोग कर रहे थे। एनआईए ने पाया है कि मारने और जबरन वसूली करने की इनमें से कई साजिशें विभिन्न राज्यों की जेलों के अंदर से रची जा रही थीं। विदेशों में स्थित गुर्गों के एक संगठित नेटवर्क द्वारा इसे अंजाम दिया जा रहा था।''