बिलासपुर
भारतीय रेलवे पूरे देश में रेलवे स्टेशनों का विकास कर नए भारत की नई पहचान का सृजन कर रही है। भारतीय रेलवे अब अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पूरे भारत में 1275 स्टेशनों का पुनर्विकास कर रही है। रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज रेल भवन, नई दिल्ली में भारतीय रेलवे के स्टेशनों पर मानक संकेतों के बारे में एक पुस्तिका जारी की है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ श्री अनिल कुमार लाहोटी, रेलवे बोर्ड के सदस्य भी इस कार्यक्रम के दौरान उपस्थित थे और जोनल रेलवे के महाप्रबंधक भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए। महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे श्री आलोक कुमार सहित अन्य अधिकारीगण वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े रहे है।
इस अवसर पर श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में, भारतीय रेलवे अपने स्टेशनों पर यात्री अनुभव को बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रही है। यह महसूस किया गया है कि स्टेशनों पर संकेतकों के बारे में ऐसे मानक दिशानिर्देश जारी किए जाएं जो सुसंगत और पर्याप्त हों। आज मुझे भारतीय रेलवे के स्टेशनों पर मानक संकेतकों के बारे में पुस्तिका जारी करते हुए बहुत खुशी हो रही है। भारतीय रेलवे ऐसे आधुनिक, मानक संकेतों को अपनाएगी जो दिव्यांगों के अनुकूल हों। किसी भी अन्य रेल नेटवर्क की तुलना में भारतीय रेलवे के पास दुनिया में सबसे ज्यादा स्टेशन हैं। यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक यात्री की मानक संकेतक होने से सुविधाओं तक आसानी से पहुंच होनी चाहिए।दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तीनों मंडलों बिलासपुर, रायपुर तथा नागपुर के 310 स्टेशनों के लिए उनके नाम का प्रदर्शन एवं संकेतक का मानक एक जैसा होगा । इससे न केवल विभिन्न स्टेशनों के नाम के साइनेज में एकरूपता आएगी बल्कि इससे सुंदरता के साथ साथ इसके विभिन्न प्रावधानों से यात्री सुविधाएं भी बढ़ेगी।
स्टेशनों पर मानक संकेतकों के बारे में यह पुस्तिका सरल भाषा, स्पष्ट फॉन्ट, आसानी से दिखने वाले रंगों, सहज चित्रलेखों को प्राथमिकता देती है। इसे सभी यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है, जिनमें बुजुर्ग, महिलाएं, बच्चे, दिव्यांगजन आदि शामिल हैं। संकेतकों के रंग, फोंट के प्रकार और आकार को मानकीकृत किया गया है। तेजी से रास्ता तलाशने के लिए संकेतों के समूहीकरण की अवधारणा को प्रस्?तुत किया गया है। तिरंगी पृष्ठभूमि के साथ स्टेशनों के नाम प्रदर्शित करने वाले नए तृतीयक बोर्ड लगाए गए हैं। मुख्य निर्णय लेने वाले बिंदुओं पर सहज ज्ञान युक्त रास्ता खोजने और संकेतकों की उपलब्धता पर जोर दिया गया है। संकेतों के मानकीकरण पर भी जोर दिया गया है और मजबूत वास्तुकला शब्दावली वाले स्टेशनों के मामले में लचीलेपन की आवश्यकता को भी मान्यता दी गई है।