बालोद
बालोद जिले के गुरुर नगर पंचायत में सोमवार को नगर पंचायत उपाध्यक्ष प्रमोद सोनवानी के खिलाफ भाजपा द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव उनके ही सदस्यों की दगाबाजी के चलते एक मत से गिर गया। सोनवानी को 7 और खिलाफ में 6 मत मिले। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भाजपा के दो पार्षद अनुपस्थित रहे। अविश्वास प्रस्ताव के दौरान अनुपस्थित रहने वालों के खिलाफ पार्टी से निष्कासन का प्रस्ताव बनाकर प्रदेश भाजपा आलाकमान के पास भेजा गया है।
बताया जाता है कि दोनों पार्षद भारतीय जनता पार्टी के विचारधारा के रहे हैं और एक ने भाजपा के बैनर से चुनाव लड़ा था,तो दूसरा बाद में भाजपा का दामन थामा। इससे पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष को गिराने के समय भी मुंह की खानी पड़ी थी।बालोद जिले के गुरुर नगर पंचायत में आज 11 बजे से मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई तो देखने को मिला कि भाजपा का एक पार्षद मतदान में शामिल नहीं हुआ अब इसके साथ ही पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष टीकेश्वरी साहू भी नदारद रही भाजपा कांग्रेस से जीतकर नगर पंचायत अध्यक्ष बनी टिकेश्वर साहू के लिए तो भारतीय जनता पार्टी जिला एवं मंडल संगठन ने एड़ी चोटी लगा दिया था आखिर वह अध्यक्ष भी आज भाजपा के समर्थन को लेकर सामने नहीं आ पाई लिहाजा भारतीय जनता पार्टी का उपाध्यक्ष को गिराने का यह प्रयास असफल रहा। इस तरह 7 मत उपाध्यक्ष के समर्थन में 6 विपक्ष में और 2 अनुपस्थित रहे कुल 15 पार्षद नगर पंचायत में हैं।गुरुर मंडल के अध्यक्ष कौशल साहू से जब इस विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि जो पार्षद भाजपा का अनुपस्थित था वही एक कारण है हमारी हार का और हम उसके निष्कासन के लिए अनुशंसा कर रहे हैं आपको बता दें कि इसी मंडल अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाने के समय यह कहा था कि मुझे जानकारी नहीं है पार्षदों से पूछा जाए वही खुद को मामले से अनभिज्ञ भी बताया था अब उन्होंने सक्रियता पार्षद के निष्कासन की अनुशंसा करने की बात कही है।
पूरे मामले में संजारी बालोद विधानसभा क्षेत्र की विधायक संगीता सिन्हा ने कहा कि यह मेरे गृह नगर का मामला है और उन्होंने बड़े ही शायराना अंदाज में कहा कि गुरुर में नफरत की दुकान बंद हुई है अब हम प्रेम फैलाने निकले हुए हैं उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार वह प्रयास करना चाहती है जो वह नहीं कर पा रही है वह नफरत फैलाने और नगर में विकास रोकने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं परंतु कांग्रेस अटूट है और उसका ध्यान केवल नगर के विकास के लिए है आज यह साबित भी हो गया और भाजपा को आगे ध्यान रखना चाहिए कि नफरत फैलाना बंद करें शहर के विकास में मिलकर योगदान करें।
नगर पंचायत के पार्षद मुकेश साहू ने भी मंडल अध्यक्ष के इस कथन का जवाब दिया है पार्षद मुकेश साहू ने बताया कि पार्षदों की ना बैठक हुई ना ही उन्हें एकजुट करने का प्रयास किया गया नेता प्रतिपक्ष चिंता साहू द्वारा मनमानी की गई वह केवल 3 महिला पार्षदो को साथ लेकर चलता है और बाकी पार्षदों को कुछ नहीं समझता जब उनके तीन महिला पार्षद पीआईसी में शामिल हुए थे तब कहां था यह जिला और मंडल का संगठन तब क्यों इन पार्षदों के ऊपर निष्कासन की कार्रवाई नहीं की गई।