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लाइफ वालंटियर्स भी योग्यता के झमेले में, ग्रेजुएट नहीं तो नहीं बन सकेंगे स्वयंसेवी

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भोपाल

पर्यावरण के क्षेत्र में युवाओं को सक्रिय भागीदारी के लिए तैयार किए जाने वाले लाइफ वालंटियर्स भी योग्यता के झमेले में फंस गए हैं। अगर कोई व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहा है लेकिन वह ग्रेजुएट नहीं है तो वह पर्यावरण विभाग द्वारा तय किए गए लाइफ वालंटियर्स कैंपेन का हिस्सा नहीं बन सकता है। विभाग ने तैयारी की है कि प्रदेश के हर जिले में लाइफ वालंटियर्स (स्वयंसेवी) का चयन किया जाकर उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा।

 नीति आयोग द्वारा जारी मिशन संबंधी मार्गदर्शिका के अनुसार पर्यावरण के 7 विषयों पर काम किया जाना है जिसमें ऊर्जा की बचत एवं नवकरणीय ऊर्जा का उपयोग, जल की बचत एवं संरक्षण, सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित करना, घरेलू कचरे में कमी लाना (स्वच्छता संबंधी कार्य), स्वस्थ जीवन-शैली को अपनाना, सतत एव शाश्वत भोजन पद्धति को बढ़ावा देना और ई-वेस्ट का उचित निष्पादन को शामिल किया गया है।

प्रदेश में मिशन लाइफ के जिला, संभाग एवं राज्य स्तरीय लाइफ वॉलंटियर्स का एक निर्धारित प्रक्रिया से चयन कर उन्हें प्रशिक्षण के माध्यम से प्रेरित करना है। मिशन लाइफ के अंतर्गत प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे व्यक्तियों, संस्थाओं की पहचान, उनके कार्य को बढ़ावा देने के साथ उनसे मार्गदर्शन प्राप्त किया जाएगा।

शासन द्वारा कलेक्टरों को इस संबंध में दिए निर्देश में कहा गया है कि लाइफ वालंटियर्स के लिए आवेदन करने के लिए आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो। उसकी आयु एक जून 23 को अधिकतम 29 वर्ष हो, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता किसी भी विषय में स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके लिए 25 मई तक आवेदन किए जा सकेंगे।

एप्को द्वारा प्रदेश के हर जिले से मिले आवेदनों की जिलेवार सूची संबंधित कलेक्टरों को भेजी जाएगी। जिला कलेक्टर योग्य आवेदकों का चयन कर चयन सूची कार्यपालन संचालक, एप्को को भेजेंगे। हर जिले से अधिकतम 35 लाइफ वॉलंटियर चयनित किए जाएंगे।