भोपाल
प्रदेश में जमीन का कारोबार करने वाले और कॉलोनाइजर्स को टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) ने बड़ी राहत देने जा रही है। इसके तहत लैंड यूज चेंज करने के लिए मिनिमम 6 हैक्टेयर जमीन की बाध्यता को खत्म करने का फैसला लिया है। लेकिन, इसके साथ में शर्तें भी जोड़ दी हैं कि यह राहत किस विशेष परिस्थिति में लागू होगी। इस पर विभाग ने दावे-आपत्ति मंगाई है।
एक माह बाद इन्हें लागू कर दिया जाएगा। अभी तक लैंड यूज चेंज करने के लिए 6 हैक्टेयर से अधिक जमीन होना जरूरी था। लेकिन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के पास कई ऐसे केस आए जहां पर इस बाध्यता की वजह से भूमि स्वामी अपने प्रोजेक्ट को लागू नहीं कर पा रहे थे। ऐसी स्थिति में लंबी कवायद के बाद विशेष परिस्थितियों में इस नियम को शिथिल करने का फैसला टीएंडसीपी ने लिया है।
नदी, जंगल, पहाड़ या हाईवे, हर जगह बदला जा सकेगा जमीन का उपयोग
जमीन का उपयोग परिवर्तन करने के लिए अभी न्यूनतम सीमाएं अलग-अलग स्थानों पर तय थी। अब नदी, वन क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र, राष्टÑीय राजमार्ग, राज्य राजमार्ग, मुख्य जिला सड़क मार्ग और रेलवे भूमि से घिरा क्षेत्र है तो उसमें न्यूनतम परिक्षेत्र की सीमा के बंधन से मुक्त किया जा रहा है। अब बिना क्षेत्र सीमा बंधन के इस चारों ओर घिरे भूखंड का लेंडयूज बदला जा सकेगा।
लेकिन…फीस होगी दोगुनी
प्रदेश में अब कृषि भूमि को आवासीय या व्यावसायिक भूमि में परिवर्तित कराने के लिए अब आम नागरिकों की जेब ज्यादा ढीली होगी। इसके लिए लगने वाला शुल्क अब सरकार दुगना कर रही है। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश नियम 2012में संशोधन कर रही है। अभी तक कृषि भूमि के आवासीय या व्यावसायिक भूमि में परिवर्तन कराने या आवासीय भूमि का उपयोग व्यावसायिक कराने के लिए पांच हजार रुपए आवेदन शुल्क देना होता था। अब इसे बढ़ाकर दुगना अर्थात दस हजार किया जा रहा है।