भोपाल.
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी राजनीतिक दल पूरे जोर-शोर के साथ सूबे के वोटरों को साधने में जुट गए हैं। ऐसे में चुनाव से कुछ ही महीने पहले कांग्रेस ने एक बड़ा दांव चला है। कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया है। आइए इसके सियासी मायने समझते हैं…
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मध्य प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी का जो अभियान अधूरा रह गया है उसे कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पूरा किया जाएगा।' दिग्विजय सिंह ने धौहनी विधानसभा के टिकरी में यह बात कही। कांग्रेस के दिग्गज नेता ने आगे कहा कि एमपी में सरकार बन जाने के बाद सड़क पर आवारा घूम रहे गौ-वंशों के लिए गौशाला की समुचित व्यवस्था की जाएंगी।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त की गई। इसके बाद किसानों की खुशहाली के लिए जो अभियान कांग्रेस चला रही थी उस पर पूरी तरह से रोक लग गई।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अटैक करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा, 'केंद्र की मोदी सरकार बड़े-बड़े उद्योगपतियों का 12 लाख करोड़ रुपए माफ कर सकती है तो किसानों का कुछ हजार करोड़ रुपया क्यों माफ नहीं हो सकता?'
बता दें कि मध्य प्रदेश के कुल वोटरों में से 72 फीसदी ग्रामीण वोटर हैं। ग्रामीण समाज के ज्यादातर लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से खेती-किसानी से जुड़े होते हैं। ऐसे में कांग्रेस ने किसानों की कर्जमाफी का ऐलान कर एक बड़ी आबादी को साधने का प्रयास किया है। गौरतलब है कि साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। लेकिन बीते दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया था कि उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) सूबे के सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि AAP की एंट्री से कांग्रेस-भाजपा के वोट कट सकते हैं।