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SC के फैसले से केजरीवाल खुश, जश्न में AAP पर दिल्ली में अब भी LG की भूमिका खास

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 नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर राज्य सरकार का नियंत्रण होगा और उपराज्यपाल को कैबिनेट की सलाह और मदद के आधार पर काम करना होगा। हालांकि, पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और लैंड से जुड़े मामलों में राजधानी के प्रशासक के तौर पर एलजी की केंद्रीय भूमिका जारी रहेगी। पिछले एक साल में एलजी विनय कुमार सक्सेना ने यमुना की सफाई और प्रमुख सड़कों के सौंदर्यीकरण समेत कई विकास कार्यों की अगुआई की है। इन प्रॉजेक्ट्स से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वजह से इन कामों पर असर नहीं होगा, क्योंकि ये आम आदमी पार्टी की सरकार और एलजी दोनों की प्राथमिकताओं में है।

लॉ डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'एलजी सक्सेना दो हाई लेवल कमिटी के प्रमुख हैं, जिनका गठन नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) ने किया है। यमुना सफाई और कचरा प्रबंधन को लेकर बनी कमिटियों में चीफ सेक्रेट्री को संयोजक और सभी अहम सचिवों को सदस्य बनाया गया है। जब तक दिल्ली सरकार एनजीटी के आदेश को चुनौती नहीं देती एलजी इन कामों की निगरानी जारी रख सकते हैं।' यमुना सफाई पर एनजीटी ने 9 जनवरी को और कचरा प्रबंधन पर 16 फरवरी को पैनल का गठन किया था। इन प्रॉजेक्ट्स से जुड़े एलजी सचिवालय के अधिकारियों ने कहा कि उपराज्यपाल को एनजीटी के आदेश से यह शक्ति मिली है। अधिकारी ने कहा, 'अधिक से अधिक यह हो सकता है कि सरकार दोनों हाई लेवल कमिटी के कामकाज में बाधा डाले, अधिकारियों को सहयोग ना करने को कहे। कमिटी को एनजीटी के आदेश से ताकत मिली है।'

  लोकसभा और दिल्ली विधानसभा में सचिव रहे संवैधानिक विशेषज्ञ एसके शर्मा ने कहा कि लैंड, पुलिस और पब्लिक ऑर्डर से संबंधित मुद्दे पहले से ही तय हैं। एलजी और चुनी हुई सरकार को सहयोग से काम करना होगा। शर्मा ने कहा कि शीला दीक्षित की अगुवाई में 1998 से 2013 तक चली सरकार के दौरान केंद्र और राज्य सरकार के बीच अच्छा सहयोग था। उन्होंने घटना की मिसाल देते हुए कहा, 'एक बार केंद्र की भाजपा सरकार के तहत गृहमंत्रालय ने दिल्ली सरकार के सभी वरिष्ठ नौकरशाहों का तबादला कर दिया, जिससे सरकार के कामकाज और बजट प्रक्रिया पर असर होता। लेकिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की मुलाकात के बाद फैसले को वापस ले लिया गया।'

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली में बड़े पैमाने पर फेरबदल की बात कही है। इस संदर्भ में शर्मा कहते हैं, 'यदि दिल्ली सरकार एक आईएएस अधिकारी को हटाती है तो उसकी जगह कौन लेगा? आखिरकार केंद्र सरकार को ही दिल्ली पूल में नया अधिकारी आवंटित करना होगा।'1948 से 1966 दिल्ली का प्रमुख चीफ कमिश्नर होते थे। फिर संवैधानिक प्रमुख के रूप में एलजी का पद गठित किया गया। सक्सेना से पहले दिल्ली में 21 एलजी हुए हैं, जो सभी या तो पूर्व नौकरशाह या फिर सेवा पृष्ठभूमि से रहे हैं। मई 2022 में एलजी नियुक्त किए गए सक्सेना पहले गैर-नौकरशाह उपराज्यपाल हैं। वह सार्वजनिक रूप से अधिक सक्रिय हैं और परियोजनाओं के नियमित निरीक्षण करते देखे जाते हैं। कई बार आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार को यह पसंद नहीं आता।