Home व्यापार भारत 1 अप्रैल से विदेशी डिजिटल विज्ञापनों पर 6% शुल्क खत्म, अब...

भारत 1 अप्रैल से विदेशी डिजिटल विज्ञापनों पर 6% शुल्क खत्म, अब नहीं लगेगा गूगल टैक्स

13

मुंबई

भारत सरकार 1 अप्रैल से उन विदेशी कंपनियों से "गूगल टैक्स" हटा देगी, जो डिजिटल विज्ञापनों के जरिए पैसा कमाती हैं। इसका मतलब यह है कि अब कंपनियों जैसे Google और Meta को भारतीय बाजार में अपनी सेवाओं पर कम टैक्स देना पड़ेगा। इस बदलाव से इन कंपनियों को बड़ा फायदा होगा, क्योंकि अब उन्हें पहले से कम टैक्स देना होगा, जिससे वे अपने कारोबार को और बढ़ा सकेंगी।

Equalisation Levy क्या था?

भारत सरकार ने इस टैक्स को "इक्वलाइजेशन लेवी" कहा था, जिसे 2016 में लागू किया गया था। यह टैक्स विदेशी कंपनियों पर लगाया जाता था जो भारतीय यूजर्स को ऑनलाइन सेवाएं देती थीं, जैसे विज्ञापन, शॉपिंग, और क्लाउड सेवाएं। इससे यह सुनिश्चित किया जाता था कि विदेशी कंपनियां भारतीय टैक्स सिस्टम का हिस्सा बने और भारत में उनके द्वारा किए गए कारोबार पर टैक्स लिया जाए।

कैसे होगा इन कंपनियों को फायदा?

अब इस 6% टैक्स को हटा दिया जाएगा, जिससे कंपनियों को भारतीय बाजार में अपनी सेवाओं की कीमतें और ज्यादा फ्लेक्सिबल बनाने का मौका मिलेगा। इससे इन कंपनियों को भारत में अपने ऑपरेशंस को और बढ़ाने का अवसर मिलेगा और वे भारतीय बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकेंगी। इन कंपनियों को अब भारत में अपनी डिजिटल सर्विसेस से होने वाली इनकम पर कम टैक्स देना होगा। इससे उनका कुल टैक्स बिल कम होगा और वे अपनी इनकम का ज्यादा हिस्सा अपने इन्वेस्टमेंट या ग्रोथ के लिए यूज कर सकेंगी। यह टैक्स कटौती अमेरिकी कंपनियों जैसे Google और Meta के लिए एक बड़ी राहत है, और इससे भारतीय डिजिटल मार्केट में और निवेश और विकास की संभावना बढ़ सकती है।

EY के वरिष्ठ सलाहकार सुधीर कपाड़िया ने रॉयटर्स से कहा कि ये शुल्क हटाना सरकार का एक स्मार्ट कदम है, क्योंकि कलेक्‍शन बहुत अधिक नहीं था और यह अमेरिकी सरकार के लिए चिंता का विषय था. इस कदम को आगे के व्यापार विवादों को रोकने और एक स्थिर व्यापारिक माहौल बनाए रखने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.  

गूगल और मेटा जैसे प्‍लेटफॉर्म पर विज्ञापन लागत कम करने से भारतीय व्यवसायों द्वारा डिजिटल विज्ञापन पर अधिक खर्च करने को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिसके परिणामस्वरूप इन प्लैटफॉर्म पर अधिक विज्ञापनदाता आकर्षित होंगे और उनके राजस्व में वृद्धि होगी. इसके अलावा, इस कदम से इन तकनीकी कंपनियों के लिए प्रॉफिट में सुधार होने की संभावना है.

इस फैसले से भारत के डिजिटल क्षेत्र में और अधिक विदेशी निवेश आने की भी उम्मीद है. डिजिटल विज्ञापन को सस्ता बनाकर सरकार डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और विकास और नवाचार के अवसर प्रदान करने की उम्मीद करती है.

टैक्‍स हटाने के साथ-साथ सरकार विदेशी टेक कंपनियों को पहले से उपलब्ध कुछ टैक्‍स छूट को भी कैंसिल करने की योजना बना रही है. हालांकि टैक्‍स हटा दिया जाएगा, लेकिन इन कंपनियों पर अभी भी अन्य प्रावधानों के तहत टैक्‍स लगाया जा सकता है, जिससे एक संतुलित टैक्‍स बना रहेगा.