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नेचुरल ग्रीन हाउस को क्यों कहा जा रहा है खेती का गेम चेंजर?

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कोंडागांव

इन दिनों पूरे देश में नेचुरल ग्रीन हाउस कोंडागांव माडल की चर्चा है। पॉलीहाउस लगाकर अपनी आमदनी बढ़ाने का सपना तो हर प्रगतिशील किसान देखता है। किंतु सभी तरह के दान-अनुदान आदि के बावजूद  पाली हाउस की लागत को देखकर किसानों का दिल बैठ जाता है। ऐसे में अगर मात्र एक से डेढ़ लाख रुपए में चालीस लाख रुपए प्रति एकड़ वाले पालीहाउस का सस्ता, कारगर, नेचुरल विकल्प  मिल जाए तो इसे किस्मत पलटना ही कहा जाएगा।

आईएमजी-20230511-डब्ल्यूए0045यह करिश्मा कर दिखाया है बस्तर कोंडागांव के प्रयोगधर्मी किसान वैज्ञानिक डॉ राजाराम त्रिपाठी  ने। जिन्हें हाल ही में देश के कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी के हाथों देश के सर्वश्रेष्ठ किसान अवार्ड दिया गया। वैसे तो उन्हें अब तक सैकड़ों राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं किंतु यह प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें इसी बहुचर्चित डेढ़ लाख में तैयार एक एकड़ के नेचुरल ग्रीन हाउस में आस्ट्रेलियन-टीक के पेड़ों पर काली मिर्च की लताएं चढ़ाकर एक एकड़ से वर्टिकल फार्मिंग के जरिए 50 एकड़ तक का उत्पादन लेने के सफल प्रयोग हेतु प्रदान किया गया।

इन दिनों हर किसान के मन में नेचुरल ग्रीन हाउस को लेकर कई सवाल घूम रहे हैं। यहां हम तत्संबंधी सभी संभव सवालों का जवाब देने का प्रयास श कर रहे हैं।