Home मध्यप्रदेश चुनावी साल में भोपाल मास्टर प्लान की फाइल एक बार फिर खिसकी

चुनावी साल में भोपाल मास्टर प्लान की फाइल एक बार फिर खिसकी

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भोपाल

प्रदेश में इस साल चुनाव होने हैं इसलिए सभी अटके हुए कामों पर अफसरों का फोकस हो गया। लंबे समय से अटके भोपाल के मास्टर प्लान की फाइल भी एक बार फिर खिसकी है। कभी झील के कैचमेंट एरिया तो कभी अन्य कारणों से मास्टर प्लान अटका है। लेकिन अब यह शीघ्र आने वाला है। उधर योजनाओं पर अमल के लिए कलेक्टर ने भी शहर का भ्रमण किया।

2021 में नए सिरे से काम शुरू किया गया
भोपाल मास्टर प्लान-2031 में 51 नए गांव जोड़े गये हैं।  प्लानिंग एरिया 813.92 वर्ग किमी से बढ़ कर 1016.90 वर्ग किमी हो गया है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग ने बढ़े हुए प्लानिंग एरिया के मौजूदा लैंडयूज का नक्शा पेश किया। नए प्लान में भोपाल प्लानिंग एरिया की सीमा उत्तर दिशा में सूखी सेवनिया, पूर्व में बंगरसिया, दक्षिण में बगरोदा और पश्चिम में आमला तक होगी। प्लानिंग एरिया बढ़ने की सबसे बड़ी वजह बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में शामिल गांवों को मास्टर प्लान में जोड़ा जा सके। इसके बाद इन गांवों के लिए डेवलपमेंट रुल्स तैयार कर उन्हें मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा।

यह है नया प्लान में
लोगों की आपत्ति के बाद सरकार अरेरा कॉलोनी के रेसीडेंसियल इलाकों में कमर्शियल गतिविधियों की अनुमति देने का प्रावधान वापस ले सकती हैे। अर्बन एक्सपर्ट एरिया प्लानर मो. इस्माइल का कहना है कि भौरी, करोंद, भेल और बैरागढ़ के एरिया को आने वाले समय के लिये सैटेलाइट सिटीज में शामिल करने से यहां पर विकास का काम तेज होगा।

बाघ भ्रमण क्षेत्र चंदनपुरा भी चर्चा में
बाघ भ्रमण क्षेत्र चंदनपुरा के 400 हेक्टेयर जमीन को वन क्षेत्र में बदला जा सकता है। इसको अभी आवासीय करने की प्लानिंग है। टीएंडसीपी ने 6 मार्च 2020 को मास्टर प्लान 2031 का मसौदा प्रकाशित किया था। मसौदे में ऐसे प्रावधान थे, जिनसे भोपाल की हरियाली और तालाबों को नुकसान पहुंच सकता था। लोगों ने जमकर ड्राफ्ट पर सवाल उठाए और आपत्तियां की हैं। अब मामला यहां पर उलझा हुआ है कि इनको कैसे क्लियर किया जा सके।