Home छत्तीसगढ़ फॉरेंसिक मेडिसिन में 5 एम.डी. सीट्स के लिये एन.एम.सी. से हरी झंडी

फॉरेंसिक मेडिसिन में 5 एम.डी. सीट्स के लिये एन.एम.सी. से हरी झंडी

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रायपुर

पं.जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर में फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सीकोलॉजी विभाग में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के लिये नेशनल मेडिकल कौंसिल से लेटर आफ इंटेंट हुआ है। इसके अनुसार महाविद्यालय में इसी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से एम.डी. में अधिकतम 5 सीटों पर प्रवेश दिया जा सकेगा। इस पाठ्यक्रम के लिये महाविद्यालय के आवेदन पर एन.एम.सी. की टीम ने 5 जनवरी 2023 को फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग का निरीक्षण किया था।

निरीक्षण में फैकल्टी, उनके अनुभव, शोध प्रकाशन, शिक्षण सुविधायें और उपलब्ध अधोसंरचना संतोषजनक एवं निर्धारित मापदंडों के पाये जाने पर एन.एम.सी. ने यह नया स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की है। औपचारिकता की पूर्ति के लिये शासन से इस पाठ्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने और प्रवेशित विद्यार्थियों को नियमानुसार स्टायपंड मुहैया कराने की अंडरटेकिंग दी जायेगी। उस आधार पर लेटर आफ परमिशन प्राप्त होगा।

इस पाठ्यक्रम के प्रारंभ होने से फॉरेंसिक मेडिसिन में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की लम्बे समय से की जा रही कोशिश कामयाब हुई है। विभागाध्यक्ष डॉ. स्निग्धा बंसल जैन और प्रोफेसर डॉ. आर.के. सिंह के मार्गदर्शन में विभाग को सराहनीय उपलब्धि मिली है। अधिष्ठाता डॉ. तृप्ति नागरिया के नेतृत्व में इस महाविद्यालय में अब सभी 21 विभागों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों (एम.डी./एम.एस.) में प्रवेश सीटों की संख्या 150 हो गयी है। यह सम्पूर्ण प्रदेश में सर्वाधिक है और चिकित्सा शिक्षा विभाग के लिये बहुत महत्वपूर्ण है। महाविद्यालय के एन.एम.सी. सेल के चेयरमैन डॉ. अरविन्द नेरल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में जानकारी दी कि जिस चिकित्सा महाविद्यालय में स्नातक (एम.बी.बी.एस.) की प्रवेश संख्या 150+30 है, वहां स्नातकोत्तर सीट्स 150 होना सराहनीय है।

उन्होने बताया कि इसके अलावा न्यूरो सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी और पीडियाट्रिक सर्जरी में सुपरस्पेशियलिटी पाठ्यक्रम एम.सी.एच. के लिये भी 06 सीट्स उपलब्ध है। उल्लेखनीय है कि इसी चिकित्सा महाविद्यालय में इसी शैक्षणिक सत्र से एम.बी.बी.एस. के लिये प्रवेश संख्या 200 किये जाने के लिये भी एन.एम.सी. से लेटर आफ इंटेंट प्राप्त हो चुका है। आर्थिक कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिये अनुपातिक सीटें मिलने पर यह संख्या 240 हो जायेगी जो छत्तीसगढ़ के होनहार विद्यार्थियों के लिये वरदान होंगी।